कोई तैर कर निकला, किसी ने रस्सी पर लटक बचाई जान… मोरबी ब्रिज हादसे में बचे लोगों की आपबीती

गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हो गई. पिछले 15 घंटे से रेस्क्यू अभियान जारी है. रेस्क्यू के लिए सेना, नेवी, एयरफोर्स एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं. अब तक 177 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है. जांच के लिए कमेटी बना दी गई है.

मोरबी में ब्रिज टूटा

रविवार का दिन था. गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना केबिल ब्रिज भीड़ से खचाखच भरा था. आलम यह था कि 100 लोगों की क्षमता वाले इस पुल पर 300-400 लोग थे. कुछ लोग सेल्फियां लेने में व्यस्त थे, तो कुछ युवा इस झूलते ब्रिज को जानबूझकर हिला रहे थे. तभी अचानक पुल टूट गया. देखते ही देखते 300-400 लोग नदी में गिर गए. कुछ लोगों ने ब्रिज के बाकी हिस्से तो कुछ लोगों ने रस्सियों पर लटकने की कोशिश की. इनमें से कुछ अपनी जान बचाने में सफल भी हुए. जबकि सैकड़ों लोग नदी में समा गए. इस हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हो गई. 

10 साल के बच्चे ने रस्सी पर लटककर बचाई जान
कई बच्चों ने मोरबी ब्रिज हादसे में अपने मां बाप को खो दिया. इस हादसे में बचे 10 साल के एक बच्चे ने बताया कि ब्रिज पर काफी भीड़ थी. तभी ब्रिज गिर गया. मैं रस्सी पर लटक गया और धीरे धीरे पुल पर ऊपर आया. लेकिन मेरे माता-पिता अभी भी लापता हैं. 

अहजादशाह 5 दोस्तों के साथ घूमने आए थे, अब अकेले बचे
19 साल के मोरबी के वीसी इलाके के रहने वाले अहजादशाह अब्दुल्लशाह फकीर अपने 5 दोस्तों के साथ छुट्टी पर ब्रिज पर घूमने आए थे. लेकिन ब्रिज हादसे में उनके तीन दोस्तों की मौत हो गई. जबकि दो अभी भी लापता हैं. ये सभी घटनास्थल के आसपास के इलाकों के ही रहने वाले हैं. 

बीच पुल से वापस लौटे विजय

अहमदाबाद के रहने वाले विजय गोस्वामी भी रविवार को अपने परिवार के साथ मोरबी में ब्रिज पर पहुंचे थे. लेकिन खुशकिस्मत रहे कि मौत को सामने से देखकर वापस लौट आए. विजय ने बताया कि वे परिवार के साथ ब्रिज पर जा रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि कुछ युवा ब्रिज को हिला रहे हैं, ऐसे में उन्होंने बीच रास्ते से ही लौटने का फैसला किया. कुछ ही देर में उनका डर सही साबित हुआ और पुल गिर गया. 
विजय ने बताया, ब्रिज पर काफी भीड़ थी. मैं और मेरा परिवार ब्रिज पर गए, तभी कुछ युवाओं ने ब्रिज को हिलाना शुरू कर दिया. ब्रिज पर कुछ भी पकड़े बिना खड़े हो पाना मुश्किल हो रहा था. तब मुझे लगा कि इस पर आगे जाना काफी खतरनाक है. इसलिए मैं और मेरा परिवार कुछ दूरी के बाद ही वापस लौट आए. विजय के मुताबिक, उन्होंने वहां से निकलने से पहले ड्यूटी स्टाफ को भी बताया था कि कुछ लड़के ब्रिज को हिला रहे हैं. विजय ने बताया कि स्टाफ टिकट बेचने में लगा हुआ था, उन्होंने कहा कि भीड़ को काबू करने का कोई सिस्टम नहीं है. 

‘ब्रिज पर थी भारी भीड़’

चश्मदीद के मुताबिक, पुल भारी भीड़ के चलते टूटा. ब्रिज टूटने के बाद लोग एक दूसरे पर गिरने लगे. बताया जा रहा है कि 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर करीब 300-400 लोग मौजूद थे. चश्मदीद ने बताया, मैं अपने दोस्तों के साथ नदी के किनारे घूमने आया था. तभी पुल टूटने की आवाज आई. हम सब नदी के किनारे पहुंचे और लोगों को बचाने में जुट गए. चश्मदीद ने बताया कि उसने और उसके दोस्तों ने कुछ महिलाओं और बच्चों को बचाया. इस हादसे में जख्मी एक शख्स ने बताया कि ब्रिज पर काफी भीड़ थी, तभी अचानक पुल टूट गया. 
 
वहीं, मोरबी पुल के पास चाय बेचने वाले एक दुकानदार ने बताया कि वह यहां हर रविवार को चाय बेचने आता है. कल अचानक ये हादसा हो गया. इसके बाद लोग पुल और केबल पर लटके नजर आए. बाद में वे गिरने लगे. दुकानदार ने बताया कि उसने रेस्क्यू अभियान में प्रशासन की मदद की. दुकानदार के मुताबिक, उसने इससे पहले ऐसा कभी हादसा नहीं देखा. 

हर तरफ लोग मर रहे थे- चश्मदीद
दुकानदार ने बताया कि कुछ ही सेकेंड में ये सब कुछ हो गया. उन्होंने बताया कि एक 7 महीने की गर्भवती महिला की भी हादसे में मौत हो गई. इसने मुझे अंदर तक चकनाचूर कर दिया. उन्होंने कहा कि हर तरफ लोग मर रहे थे. मैं जितना कर सकता था, मैंने लोगों की मदद करने की कोशिश की. लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया. मैंने इससे पहले ऐसा होते हुए नहीं देखा. 

5 दिन पहले ही शुरू हुआ था ब्रिज

केबल ब्रिज 100 साल से ज्यादा पुराना बताया जा रहा है. यह ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था. राजा-महाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश के राम-झूला और लक्ष्मण झूला पुल कि तरह झूलता हुआ सा नजर आता था, इसलिए इसे झूलता पुल भी कहते थे. इसे गुजराती नव वर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था. यह पुल 7 महीने से बंद था. बताया जा रहा है कि फिटनेस सर्टिफिकेट लिए बिना ही ब्रिज को शुरू कर दिया गया था. ब्रिज पर घूमने आए लोगों को 17 रुपए का टिकट खरीदना होता था. वहीं, बच्चों के लिए 12 रुपए का टिकट अनिवार्य था. 

ब्रिज की मैनेजमेंट कंपनी पर केस दर्ज 
ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है. जांच के लिए कमेटी बना दी गई है. कंपनी पर 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है, आज से ही जांच शुरू की गई है.








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