Birthday Special: ‘डैडी हंड्रेड’ बनाने में माहिर थे वीरेंद्र सहवाग, धुरंधर गेंदबाज मांगते थे पानी
Happy Birthday Virender Sehwag: क्रिकेट के खेल में हम अक्सर सुनते और देखते आए हैं कि इस खिलाड़ी शतक ठोका या फिर हंड्रेड बनाया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक भारतीय खिलाड़ी ऐसा भी है, जिसने हंड्रेड में नहीं, बल्कि डैडी हंड्रेड में डील करना सही समझा था। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की, जिन्होंने न सिर्फ भारतीय टीम को, बल्कि दुनियाभर की टीमों को सिखाया कि ओपनिंग इतने तूफानी अंदाज में भी की जा सकती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के कई धुरंधर खिलाड़ियों का स्ट्राइकरेट वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में उतना नहीं रहा है, जितना की वीरेंद्र सहवाग का टेस्ट क्रिकेट में रहा है। दुनियाभर की क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज के तौर पर अपनी छाप छोड़ने वाले वीरेंद्र सहवाग की बात आज हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आज यानी 20 अक्टूबर 2021 को उनका 43वां बर्थडे है। सहवाग ने विश्व क्रिकेट में जो नाम कमाया है, वो अपना आप में अद्भुत है और शायद वे दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिनके टेस्ट शतकों को देखा जाए तो उनमें आधे से ज्यादा 150 के पार हैं।
वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में 82.23 के स्ट्राइकरेट से रन बनाए हैं। इसके मायने ये हैं कि 100 गेंदों में कम से कम 82 रन। ऐसा स्ट्राइक रेट वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में कुमार संगकारा, रिकी पोंटिंग और महेला जयवर्धने जैसे महान खिलाड़ियों का भी नहीं है। वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट की भी बात करें तो सहवाग दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने 8200 से ज्यादा रन बनाए और उस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 104 से ज्यादा का रहा है। ये दर्शाता है कि उन्होंने कभी भी गेंद को रोकने से ज्यादा गेंदबाजों को ठोकने में भरोसा जताया है, जिसमें उनको सफलता भी मिली है।
अब बात करते हैं डैडी हंड्रेड की तो वीरेंद्र सहवाग के नाम टेस्ट क्रिकेट में 2 तिहरे शतक जड़ने का रिकार्ड है, जबकि तीसरी बार वे ये कारनामा करने से महज 7 रन से चूक गए थे। अगर वे ऐसा करते तो दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज बन जाते। सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में 6 बार दोहरा शतक ठोका है। आपको जानकर हैरानी होगी कि टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने कुल 23 शतक जड़े हैं, जिनमें से 13 बार वे 150 से अधिक रन बनाने में सफल हुए हैं। ये दर्शाता है कि उन्होंने हंड्रेड नहीं, बल्कि डैडी हंड्रेड बनाने पर हमेशा जोर दिया और यही तो कारण है कि गेंदबाज उनके सामने पानी मांगते थे।
आपको ये जानकर भी हैरानी होगी कि साल 2015 में अपने जन्मदिन के मौके पर ही वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों को अलविदा कहा था। उन्होंने आखिरी मैच मार्च 2013 में खेला था और उसके बाद से उनको कभी टीम इंडिया में नहीं चुना गया। ऐसे में उन्होंने 37 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। हालांकि, उसी साल उन्होंने आइपीएल को भी अलविदा कह दिया था और फिर वे कोचिंग और कमेंट्री में अपना करियर बनाने में जुट गए। यहां भी उनको सफलता मिली और अब वे इन सभी विधाओं में पारंगत हो गए हैं।
सहवाग के क्रिकेट करियर को देखें तो ये विशाल नजर आता है। उन्होंने देश के लिए 104 टेस्ट मैचों में 8586 रन बनाए हैं, जिसमें 2 तिहरे शतक, 6 दोहरे शतक समेत कुल 23 शतक जड़े हैं। वहीं, वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्होंने 251 मैचों में 8273 रन बनाए हैं, जिसमें एक दोहरा शतक और 15 शतक उन्होंने जड़े हैं। 19 टी20 इंटरनेशनल मैचों में सहवाग के बल्ले से 394 रन निकले हैं। इसके अलावा वे थोड़ी बहुत गेंदबाजी भी करते थे। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 40 विकेट और वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में वीरू के नाम 96 विकेट लेने का रिकार्ड दर्ज है।