अपने दम पर BMC चुनाव लड़ेगी BJP? महाराष्ट्र के सियासी गलियारे में तेज हुई चर्चा….
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी टूट सकता है और बीजेपी अपनी ताकत पर चुनाव लड़ सकती है. इससे एकनाथ शिंदे और अजित पवार को झटका लगने के आसार हैं.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) का टूटना लगभग तय माना जा रहा है. इसी बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि सत्ताधारी गठबंधन महायुती में भी टूट के आसार हैं? इसके आसार इस आधार पर लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी इस बार अपनी ताकत पर लोकल चुनाव लड़ना चाहती है. महाराष्ट्र मे अगर ऐसा होता है तो सहयोगी दल क्या करेंगे, इसकी चर्चा हो रही है.
महाराष्ट्र बीजेपी का ‘एकला चलो’ नारा?
महाराष्ट्र बीजेपी अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी करती दिख रही है. शिरडी में बीजेपी का महाअधिवेशन हुआ, उस समय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ‘पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक’ का नारा दिया और मुंबई के नगर निगम चुनाव के लिए शंखनाद किया. इसलिए महाराष्ट्र में बीजेपी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी, ऐसी चर्चाएं चलने लगीं.
एमवीए से दूर हुए उद्धव ठाकरे?
महाविकास अघाड़ी के नेता संजय राऊत ने पहले ही कहा था कि नागपुर से लेकर मुंबई तक लोकल बॅाडी इलेक्शन शिवसेना यूबीटी अपनी ताकत पर लड़ने वाली है. इसलिए एमवीए में टूट पड़ने की अटकलें लगनी शुरू हो गईं थीं. वहीं, शरद पवार ने कहा था कि कुछ समय में महाविकास अघाड़ी के नेताओं से बातचीत होगी.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र मे इस साल 19 नगर निगम के चुनाव होने वाले हैं. इनमें मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे, नाशिक, पिंपरी-चिंचवड, सोलापूर जैसी बड़ी-बड़ी महापालिकाएं शामिल हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण मुंबई महानगर पालिका चुनाव है, जिस पर सबकी नजर रहेगी. बता दें, मुंबई पालिका देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था समझी जाती है.
मुंबई में उद्धव ठाकरे-बीजेपी की कड़ी टक्कर
साल 2017 में बीजेपी उद्धव ठाकरे की पार्टी से 2 सीटों से पीछे थी. इस बार बीजेपी को अपना मेयर बैठाना है, इसलिए वह अपनी पूरी ताकत लगाने की कोशिश करेगी. मुंबई जैसे ऐसे कई शहर हैं, जहां बीजेपी के विधायकों की संख्या ज्यादा है और कार्यकर्ताोओं की ताकत भी बढ़ी है.
महाराष्ट्र बीजेपी के साथ एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी हैं. ठाणे जैसे शहरों मे शिंदे की और पश्चिम महाराष्ट्र और उत्तर महाराष्ट्र में अजित पवार की पार्टी ताकतवर हैं. अगर बीजेपी अपनी ताकत पर चुनाव लड़ने की तैयारी करती है तो कई जगहों पर एकनाथ शिंदे और अजित पवार को झटका लग सकता है. ऐसे में बीजेपी अपने बल पर लड़ेगी या यह खबर फैलाकर खुद की ताकत आजमाएगी, इसका अंतिम फैसला दिल्ली से होगा.