Varanasi News: 16 मिनट में वाराणसी कैंट से गोदौलिया तक का सफर पूरा होगा, ऊपर हवाई जहाज लैंड करेंगे तो नीचे से वाहन गुजरेंगे

साल 2025 में वाराणसी को कई सौगात मिल जाएगी। इनमें क्रिकेट स्टेडियम, रोप-वे और एयरपोर्ट शामिल है। जहां रोप-वे बन जाने से वाराणसी कैंट से गोदौलिया का सफर आसान होगा तो वहीं एयरपोर्ट के विस्तार……

Varanasi Ropeway

वाराणसी : देश की सांस्‍कृतिक राजधानी काशी में प्राचीनता के साथ विरासत-विशिष्‍टता को सहेजते हुए बदलाव के इतिहास में नए साल यानी 2025 में कई स्‍वर्णिम अध्‍याय जुड़ेंगे। देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में रोप-वे और यूपी के तीसरे इंटरनेशनल स्‍टेडियम शुरू होने के साथ ही कई और परियोजनाएं पूरी होंगी। इसी के साथ आधुनिक काशी की नई तस्‍वीर देश-दुनिया के सामने होगी।

मई 2025 तक रोप-वे का संचालन होने से काशी दुनिया की तीसरी और देश की पहली रोप-वे सिटी बन जाएगी। इंटरनेशनल स्‍टेडियम भी मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसी के साथ लाल बहादुर शास्‍त्री एयरपोर्ट विस्‍तारीकरण के बाद सिडनी जैसा एयरपोर्ट बनेगा तो महाश्‍मशान मणिकर्णिका और हरिश्‍चंद्र घाट नव्‍य-भव्‍य आकार लेगा। बाबा विश्‍वनाथ को भिक्षा देने वाली मां अन्‍नपूर्णा मंदिर का शिखर स्वर्णमंडित होने से काशी की आभा और दमक उठेगी। यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्‍लेटफॉर्म के तहत बन रहे देश में अपने ढंग के अलग परिवहन संगम स्‍थल पर रोड, रेल, गंगा में फेरी सर्विस और अन्‍य पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्‍ध होगी तो इसके तहत गंगा पर सिक्‍स लेन के सिग्‍नेचर ब्रिज भी दिखाई देगा।

रोपवे: 16 मिनट में पूरी होगी यात्रा

वाराणसी कैंट रेलवे स्‍टेशन से गोदौलिया तक बनने वाले 3.75 किलोमीटर लंबे रोप-वे से 16 मिनट में यह यात्रा पूरी होगी। काशी नगरी की झलक वाली 153 ट्रालियों के संचालन से दिनभर में करीब 25 हजार यात्रियों को सुगम यातायात की सुविधा उपलब्‍ध होगी।

स्टेडियम : काशी की दिखेगी झलक

बनारस शहर से दूर राजातालाब इलाके के गंजारी में 330 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो चला इंटरनेशनल स्‍टेडिमय देश का पहला स्‍टेडियम होगा, जिसके भवन और डिजाइन में बाबा विश्‍वनाथ और उनकी नगरी काशी की झलक दिखेगी।

एयरपोर्ट : ऊपर रनवे, नीचे से निकलेंगे वाहन

लाल बहादुर शास्‍त्री अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के विस्‍तारीकरण और नए टर्मिनल के निर्माण के बाद यहां अमेरिकी एयरफोर्स वन के साथ बोइंग 777 जैसे बड़े विमान भी आसानी से टेकऑफ और लैंड कर सकेंगे। रनवे का विस्‍तार होने से वाराणसी-सुल्‍तानपुर (एनएच-56) हाइवे तीन किलोमीटर लंबी टनल से गुजरेगा। ऊपरी सतह पर विमान उतरेंगे और नीचे से हाइवे गुजरेगा।

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