61 साल के बीमार बुजुर्ग के शरीर से निकाला 710 बार खून और ठगे 14 लाख…
मुंबई: क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी यूनानी व आयुवेर्दिक डॉक्टर बनकर लोगों को ठगते थे। एक केस में इस गैंग ने एक बुजुर्ग का दो घंटे के अंदर 710 बार खून निकाला और उसके बाद उससे साढ़े 14 लाख रुपये ठग लिए। चौंकाने वाला यह मामला मुंबई का है। डीसीपी राज तिलक रौशन ने बताया कि उनकी टीम ने 4 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के कई अन्य लोगों की भी तलाश है।
दक्षिण मुंबई के 61 साल के एक बिजनेसमैन को पिछले कई साल से ट्रेमर की बीमारी है। 11 नवंबर को वह बिजनेसमैन किसी काम से नरीमन पॉइंट गए हुए थे। तभी कुछ लोगों ने उनके शरीर को कंपकपाते देखा, तो पूछा कि कब से वह इस रोग से ग्रस्त हैं, किन-किन डॉक्टर का इलाज करवाया है।
इसके बाद इस गिरोह के एक सदस्य ने खुद को यूनानी डॉक्टर बताया। कहा कि वह दो घंटे में बिजनेसमैन की बीमारी को पूरी तरह खत्म कर सकता है। क्राइम ब्रांच की यूनिट-तीन के सीनियर इंस्पेक्टर दीपक सुर्वे ने बताया कि बिजनेसमैन उसके ट्रैप में आ गया। वह इन लोगों को अपने घर ले गया। आरोपियों ने उसे लिटाया। फिर उसके शरीर में जगह-जगह मेटल कोन जोर से दबाया।
मुल्तानी मिट्टी लगाई और बताया खून पीला
मेटल कोन के दबाव में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में खून जब जमा हो गया, तो आरोपी ने उस हिस्से में ब्लड हल्का सा लगाया। जैसे ही थोड़ा सा खून शरीर से बाहर आया, आरोपी ने अपनी जीभ से मुल्तानी मिट्टी वहां लगा दी। इस वजह से निकला खून पीला दिखने लगा। आरोपी ने बिजनेसमैन से कहा कि आपके शरीर में बहुत गंदगी जमा हो गई थी।
इस वजह से आपका खून पीला दिख रहा था, अब हमने उस गंदगी को निकाल दिया। अब आज से आपकी बीमारी एकदम दूर हो गई है। आप अब मौज करो। आरोपी ने उस दिन बिजनेसमैन का कुल 710 बार खून निकाला और बदले में उससे साढ़े 14 लाख रुपये कैश में ले लिए। बिजनेसमैन ने उस दौरान आरोपी से उसका मोबाइल नंबर भी ले लिया था।
कुछ देर बाद बिजनेसमैन को लगा कि उसकी बीमारी तो जस की तस है। उसने उसका इलाज करने वाले को तत्काल फोन लगाया । लेकिन मोबाइल बंद था। बिजनेसमैन समझ गया कि उसे ठग लिया गया है। उसने पुलिस से संपर्क किया।
क्राइम ब्रांच टीम ने फिर बंद मोबाइल, सीसीटीवी फुटेज व कुछ अन्य टैक्निकल इनपुट्स से आरोपी की लोकेशन ट्रैक करनी शुरू की। उसी में सीनियर इंस्पेक्टर दीपक सुर्वे व समीर मुजावर को आरोपी मोहम्मद शेरु शेख मालेगांव में एक तंबू में बैठा मिला। उससे पूछताछ में फिर भिवंडी, ठाणे के पास मनोर व अन्य जगह तंबुओं में ही मोहम्मद नफीस शरीफ, मोहम्मद आसिफ निसार और मोहम्मद आसिफ शरीफ गिरफ्तार हुए। इनसे पूछताछ में इनके दस और साथियों के नाम सामने आए हैं।
गिरफ्तार और फरार सभी आरोपी राजस्थान के हैं। यह लोग इलाज के बहाने ठगी का यह धंधा देश के अलग-अलग शहरों में पिछले कई सालों से कर रहे थे। यह लोग किसी अस्पताल के बाहर या किसी गार्डन में बैठे या घूम रहे किसी बुजुर्ग व्यक्ति को बीमार सा देखते थे, तो उनसे संपर्क करते थे और फिर उसी तरह इलाज के बहाने लोगों को ठगते थे, जिस तरह उन्होंने नरीमन पॉइंट के बिजनेसमैन को ठगा।
ठगी से इतनी कमाई के बावजूद यह लोग किसी महंगे या सस्ते होटल में नहीं ठहरते थे, बल्कि किसी सुनसान इलाके में तंबू लगा देते थे और वहां सो जाते थे। यह लोग ठगी के बाद फौरन अपना सिम बदल देते थे। मुंबई क्राइम ब्रांच ने इनके पास से 9 मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड जब्त किए हैं।