किसान को सब्सिडी नहीं मिल रही… वित्तीय संकट में फंसे किसान आत्महत्या कर रहे हैं
मुंबई : गुजरात तक जानेवाली बुलेट ट्रेन के लिए एक ही दिन में ६ हजार ६०० करोड़ रुपए की निधि मंजूर की जाती है। बुलेट ट्रेन पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं, लेकिन बारिश न होने से सूखे के संकट की मार झेल रहे किसानों के बारे में यह घाती सरकार बिल्कुल भी विचार नहीं कर रही है। साथ ही किसान को सब्सिडी नहीं मिल रही है। कुल मिलाकर पापियों के राज में प्रकृति भी कुपित हो रही है। इसके प्रहार से वित्तीय संकट में फंसे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसानों की इस समस्या को देखते हुए आने वाले समय में हमें फसल बीमा के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
इस तरह का जोरदार हमला घाती सरकार पर करते हुए विधान परिषद में विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे ने कहा कि ‘सरकार आपके द्वार’ लेकिन सरकार भेज रही है ‘मौत के द्वार’, ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है। शिवतीर्थ पर आयोजित शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सम्मेलन को संबोधित करते हुए विधान परिषद में विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे ने कहा कि दशहरा सम्मेलन सिर्फ शिवाजी पार्क पर होता है। गद्दारों का दशहरा सम्मेलन नहीं होता है। फिलहाल, मौजूदा समय में गद्दार दिल्ली जाकर मुजरा करते हैं। ये महाराष्ट्र के विचारों के गद्दार हैं। इन सभी के कारण गद्दार अब घर बैठने वाले हैं। इनके लिए चुनाव कराने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
महाराष्ट्र में किसानों की समस्याओं को लेकर दानवे अक्रामक हो गए। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत खराब है। आधे से ज्यादा महाराष्ट्र सूखाग्रस्त है। मार्च में प्याज किसानों को अनुदान घोषित किया गया था, लेकिन अभी तक यह नहीं मिला है, जबकि इस १५ अगस्त से पहले देने की बात कही गई थी। कपास आया, लेकिन उसे सरकार ने नहीं लिया। साथ ही कपास को उचित मूल्य भी नहीं मिला।
दानवे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि अग्रिम फसल बीमा मिलना चाहिए। लेकिन इस सरकार में दम नहीं है, क्योंकि यह बीमा कंपनियों को परेशान करता है। यदि २१ दिन तक बारिश न हो तो अग्रिम फसल बीमा मिलना चाहिए। यह बीमा कंपनियों की कमी को पूरा करने के लिए घाती सरकार द्वारा रची गई एक चाल है। इस बीच महाराष्ट्र में एक रुपए के फसल बीमा का दिखावा किया जा रहा है। राज्य में सूखे की स्थिति है। प्रदेश नेतृत्व शून्य है। आज किसानों की क्या स्थिति है? पापियों के राज में प्रकृति भी हमसे नाराज है।