बंबई उच्च न्यायालय में उद्धव गुट के MLA की याचिका खारिज… शिंदे सरकार पर लगाया था धन आवंटन में भेदभाव का आरोप
महाराष्ट्र : बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शिवसेना (यूबीटी) विधायक रवींद्र वायकर की ओर से दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया गया था कि वह प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में विकास और बुनियादी ढांचे के काम के लिए धन के आवंटन में भेदभावपूर्ण कर रही है।
न्यायमूर्ति एस बी शुक्रे और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ ने कहा कि विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन का आवंटन राज्य की नीति है और भेदभाव या पारदर्शिता की कमी को साबित करने के लिए पर्याप्त सामग्री के अभाव में इसकी न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती है।
वायकर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राज्य सरकार झुग्गी बस्तियों में बुनियादी ढांचे और बुनियादी नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को सरकारी धन आवंटित करते समय भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र स्थानीय विकास निधि से महाराष्ट्र में सभी विधायकों को समान रूप से पैसा उपलब्ध कराया जाता है और 2022-23 में 11,420 लाख रुपये आवंटित किए गए थे।
विधायक ने दावा किया कि भाजपा विधायकों के प्रतिनिधित्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों में स्थित झुग्गियों के लिए आवंटित धन उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए आवंटित राशि से बहुत अधिक है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि भाजपा के अलावा अन्य दलों के निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न कार्यों को करने के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया गया है।
पीठ ने यह भी माना गया कि याचिकाकर्ता के निर्वाचन क्षेत्र को आवंटित धन कई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के समान 250 लाख रुपये था। अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘हमें धन के आवंटन में राज्य सरकार की ओर से कोई मनमानी या अनुचित भेदभाव का कोई उदाहरण नहीं दिखता है।’