अबला ने अपने प्रेमी के टुकड़े-टुकड़े करके मरता हुआ देखती रही…

इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छुपता है। इस कहानी में पति पुलिस की नौकरी पर अपना कर्तव्य निभा रहा था और पत्नी किसी के इश्क में पड़ गई। जब उसकी आंख खुली तो उसने अपने पाप का प्रयाश्चित कर अपने प्रेमी को मना कर दिया। हालांकि, प्रेमी ने अबला समझकर उसका फायदा उठाना चाहा, फिर क्या उक्त अबला ने अपने प्रेमी के टुकड़े-टुकड़े करके उसका अंत कर दिया। मामला उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की एक ३५ साल की महिला से जुड़ा हुआ है।

उक्त महिला ने अपने २६ साल के प्रेमी की हत्या सिर्फ अपनी गलती सुधारने के लिए कर दी। पहले महिला ने उसे फोन करके घर बुलाया। जैसे ही वह बेडरूम में बिस्तर पर बैठा, उक्त महिला ने चाकू से ताबड़तोड़ कई वार किए। हमले के बाद वह प्रेमी को तड़प-तड़प कर मरता देखती रही। अगली सुबह जब महिला कमरे से बाहर नहीं निकली तो उसके ससुर ने दरवाजा खटखटाया। जब कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो आस-पास के लोगों को बुलाया और फिर दरवाजा तोड़ा गया।

इसके बाद अंदर जाकर देखा गया तो युवक का शव बिस्तर पर पड़ा था, वहीं पास में महिला बैठी थी। उसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया है। युवक के चेहरे और पेट पर चाकू के निशान थे। उसके कपड़े खून से सने हुए थे। आरोपी महिला शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं। उसका पति मध्य प्रदेश में पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात है। महिला का प्रेमी बिहार में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था।

कुछ दिनों से वो गांव में ही रुका हुआ था। महिला ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसका प्रेमी उसको बहुत परेशान करता था। वह जबरदस्ती मिलने का दबाव बनाता था, तभी गुस्से में आकर उसको मार दिया है। महिला ने बताया कि मैं अपने दो बच्चों के साथ पक्के मकान में रहती हूं। बगल में कच्चा घर बना है। वहां मेरे ससुर रहते हैं। मेरे पति की शादी के ४-५ साल बाद मध्य प्रदेश पुलिस में नौकरी लग गई। डेढ़ साल पहले मेरा गांव के एक युवक से अफेयर हो गया। कुछ दिन तक तो लोगों को हमारे बारे में पता नहीं चला, लेकिन फिर एक दिन मेरे ससुर ने ही हम दोनों को साथ में देख लिया। उन्होंने सारी बात मेरे पति को बता दी।

इसके बाद मेरे पति तुरंत गांव आ गए। हम दोनों में काफी झगड़ा हुआ। गांव में पंचायत बुलाई गई। इसमें पैâसला लिया गया कि उस युवक को गांव के बाहर भेज दिया जाए। इसके बाद वह बिहार चला गया। मैंने भी अपने ससुराल वालों और पति से माफी मांग कर उनके साथ रहने लगी, लेकिन उसके बाद भी युवक जब-जब गांव आता, किसी न किसी बहाने से मुझसे मिलने की कोशिश करता था।

बार-बार मना करने के बाद भी मनीष कभी किसी को भेजकर मुझे मिलने के लिए बुलाता तो कभी मुझे फोन करता था। एक बार मेरे ससुर ने उसको घर के बाहर देख लिया था, तब भी बहुत हंगामा हुआ था लेकिन मनीष सुधरने का नाम नहीं ले रहा था। अभी कुछ दिनों से वह गांव आया तो फिर से मुझे बुलाने लगा। इसके बाद मैंने उसकी हरकतों से परेशान होकर उसे रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया।

एक दिन बच्चों को खाना खिलाने के बाद उनको दादा के पास भेज दिया, फिर प्रेमी युवक को घर बुलाया और कमरे में अंदर से कुंडी लगा ली। इसके बाद कुछ देर युवक से बात की और उसको विश्वास में लिया। इसके बाद जैसे ही वह बेड पर बैठा, पीछे से उसके चेहरे पर वार किया। उसके बाद लगातार चाकू से हमला करती रही। युवक के बुरी तरह घायल होने के बाद मैं कमरे में एक कोने में जाकर बैठ गई और उसको मरता हुआ देखती रही।

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