तूल पकड़ता जा रहा है खेल का मैदान निजी संस्था को नि:शुल्क देने का मामला

भायंदर : भायंदर-पश्चिम का इकलौते सुभाषचंद्र बोस खेल के मैदान को एक निजी संस्था को लंबे समय तक नि:शुल्क इस्तेमाल करने का देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर स्थानीय खिलाड़ियों में रोष व्याप्त है। मैदान को नि:शुल्क इस्तेमाल करने की अनुमति देने के कारण मनपा तिजोरी को कई लाख के फटके लगे हैं और वो खाली हो रही है।

ज्ञात हो कि भायंदर-पश्चिम में प्रभाग क्रमांक-१ अंतर्गत मनपा का एकमात्र बड़ा मैदान सुभाषचंद्र बोस मैदान है, जहां हर दिन हजारों की संख्या में लोग खेलने, घूमने, टहलने या वॉकिंग के लिए आते हैं। इस मैदान को मनपा के पूर्व आयुक्त दिलीप ढोले ने मनमानी करते हुए एक निजी संस्था को करीब १३२ दिनों के लिए मुफ्त में इस्तेमाल करने और क्रिकेट स्पर्धा के आयोजन के लिए दिया है।

मामलों को उजागर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता कृष्णा गुप्ता ने मनपा प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि खेल के मैदान को नियम की अनदेखी करके एक संस्था को इतने दिनों तक मुफ्त में दिया गया, जबकि महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन व नगररचना अधिनियम ३७ (अ) के अनुसार कोई भी मैदान किसी संस्था, संघ, व्यक्ति आदि को १२ दिन से अधिक नहीं दिया जा सकता।

किराए पर भी सिर्फ ३० दिन के लिए ही दिया जा सकता है। इसके बावजूद नियमों को ताक पर रख कर सुभाषचंद्र बोस मैदान को मुफ्त में देने वालों पर कार्रवाई और संबंधित कंपनी से दंड सहित किराया वसूल करने की मांग कृष्णा ने मनपा आयुक्त-प्रशासक संजय काटकर से की है।

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