वर्ष २०२४ में सड़क या चौराहे पर दही-हंडी उत्सव मनाने की अनुमति न दें… मैदान में मनाने की योजना बनाएं – हाईकोर्ट

मुंबई : अगले साल से अर्थात वर्ष २०२४ में सड़क या चौराहे पर दही-हंडी उत्सव मनाने की अनुमति न दें। दही-हंडी उत्सव को किसी मैदान या खुले मैदान में मनाने की योजना बनाएं। ऐसा सुझाव देते हुए हाईकोर्ट ने कल राज्य सरकार को इसके लिए नई नीति निर्धारित करने का आदेश न्याया. सुनील शुक्रे और न्याया. फिरदोस पुनावाला की बेंच ने दिया।

अदालत ने कहा कि मुंबई जैसे शहर में परंपरा, संस्कृति और सामाजिक चेतना का भान रखना चाहिए, ऐसी किसी की इच्छा होगी तो उसे बदलती परिस्थितियों का ठीक से अध्ययन करना चाहिए। मुंबई जैसे शहरों में जनसंख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन बुनियादी ढांचा ५० साल पुराना है। सड़कों की लंबाई नहीं बढ़ी। लेकिन ट्रैफिक की समस्या विकट हुई है।

सड़क पर उत्सव मनाने की अनुमति देने से उसका खामियाजा बेवजह सामान्य जनता को भुगतना पड़ता है। वर्षों से चली आ रही परंपरा को अब बदला जाना चाहिए। इसके लिए अब नए सिरे से नीतियों का निर्धारण किया जाना चाहिए। नीतियां ऐसी बनाओ, जिससे ट्रैफिक की समस्या खड़ी न हो। भीड़ न हो और सामान्य जनता को परेशानी न हो इसका ध्यान रखें।

दही-हंडी उत्सव में भाग लेने वाले मंडलों और गोविंदाओं की संख्या अब कम की जानी चाहिए। अन्यथा अभी ५ हजार लोग शामिल होते हैं तो आगे चलकर यह संख्या ५० हजार तक पहुंच जाएगी। अत: इसे कहीं तो रोकना ही होगा। इसलिए ऐसे नियम बनाएं कि कम से कम १० से ५० मंडल भाग ले सकें। मंडलों में कितने गोविंदा होने चाहिए, इस पर प्रतिबंध लगाएं ऐसी सलाह कोर्ट ने दी है।

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