दहिसर-मानखुर्द चेक नाके पर बनेंगे अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल… प्रॉजेक्ट पर बीएमसी 240 करोड़ रुपये करेगी खर्च

मुंबई: ट्रैफिक जाम और पार्किंग की समस्या से जूझ रही मुंबई को आने वाले समय में राहत मिलने की उम्मीद है। अंतर्राज्यीय और राज्य के अन्य हिस्सों से आनेवाली बसों, टूरिस्ट गाड़ी को दहिसर और मानखुर्द चेक नाके पर रोक दिया जाएगा। इन गाड़ियों को वहां पार्किंग के लिए बीएमसी अंतर्राजीय बस टर्मिनल एवं कमर्शल हब बनाएगी।

इस प्रॉजेक्ट पर बीएमसी 240 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी होने की उम्मीद है। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2017-18 में ऑक्ट्राय सेवा खत्म कर जीएसटी लागू कर दी गई। दहिसर चेक नाका पर 24,628 वर्ग मीटर और मानखुर्द चेक नाका पर 29,774 वर्ग मीटर जगह है। यह जगह 2017 से खाली पड़ी है।

अधिकारी ने बताया कि दहिसर चेक नाके पर अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बनने से गुजरात, राजस्थान, दमन दीव से आनेवाली गाड़ियों को रोक कर पार्क किया जाएगा। मानखुर्द चेकनाके पर बस टर्मिनल बनने से गोवा, पुणे और राज्य के अन्य जिलों से आनेवाली गाड़ियों को रोक कर पार्क कर दिया जाएगा। यहां आने वाले लोगों को टैक्सी, कैब, बस और मेट्रो जैसी कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। लोग आसानी से मुंबई के किसी भी हिस्से में जा सकेंगे।

सभी अंतर्राज्यीय बसें रुकेंगी
अधिकारी ने बताया कि इस प्रॉजेक्ट के लिए दो कंसल्टेंट नियुक्त किए गए थे, उन्होंने इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। इसको जल्द ही मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यह पायलट प्रॉजेक्ट है और इसके बाद मुलुंड, ऐरोली और वाशी में भी इसी तरह के बस टर्मिनल और कमर्शल हब बनाने की योजना है।

मुंबई में गाड़ियों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए यह अगले 50 साल तक की योजना है। दोनों चेक नाकों पर बस टर्मिनल होंगे, जहां सभी अंतर्राज्यीय बसें रुकेंगी। साथ ही यहां फूड प्लाजा, वाणिज्यिक कार्यालय और शॉपिंग सेंटर की भी सुविधा उपलब्ध होगी। इन परिवहन केंद्रों की मेट्रो और बेस्ट बसों से भी कनेक्टिविटी होगी, ताकि लंबी दूरी के यात्री आसानी से मुंबई में अपने गंतव्य स्थान तक यात्रा कर सकें।

पार्किंग की समस्या गंभीर
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि चेक नाकों से 3,500 किमी से अधिक लंबी दूरी की बसें मुंबई में प्रवेश करती हैं, जिससे वाहन यातायात पर दबाव पड़ता है। इससे मुंबई में ट्रैफिक जाम, पार्किंग की समस्या और पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है। चेक नाकों पर ट्रांसपोर्ट हब बनने से बाहरी गाड़ियों को मुंबई में प्रवेश से रोका जा सकेगा। बता दें कि मुंबई में ही करीब 42 लाख वाहन हैं। साथ ही मुंबई में ठाणे, नवी मुंबई, मीरा-भायंदर, वसई-विरार, डोंबिवली- कल्याण और भिवंडी से गाड़ियां आती-जाती हैं। इससे मुंबई में गाड़ियों के पार्किंग की समस्या गंभीर हो जाती है।

बीएमसी एक साथ दो समस्याओं पर काबू पाना चाहती है
मॉनसून के दौरान सड़कों पर हुए गड्ढों की वजह से बीएमसी की बहुत आलोचना हुई है। यह एक वजह बताई जा रही है कि बीएमसी अन्य राज्यों से आने वाली बसों और अन्य टूरिस्ट वाहनों को शहर के प्रवेश द्वारों पर ही रोकना चाहती है। इससे बीएमसी एक साथ दो समस्याओं पर काबू पाना चाह रही है। पहली है सड़क के गड्ढों की समस्या और दूसरी समस्या है शहर में प्रदूषण।

इन वाहनों की वजह से मुंबईकरों को ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे वाहनों से ही मुंबई में अवैध रूप से गुटखा और अन्य सामग्री भी आती है। आरटीओ को इस तरह की शिकायतें लगातार मिलती हैं। भारी वाहनों में यह सामग्री होने के कारण चेकिंग की भी समस्या पैदा होती है। दूसरे राज्यों से आनेवाली गाड़ियों को मुंबई के प्रवेश द्वार पर रोककर ऐसी सामग्री के शहर में आने आने से भी रोका जा सकेगा।

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