बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेप के आरोपी को किया बरी, ‘वादा तोड़ना, झूठा वादा नहीं होता…’

मुंबईः बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में बलात्कार के एक आरोपी को आरोप मुक्त कर दिया और निचली अदालत का आदेश रद्द कर दिया। मामला शादी का वादा करके रेप करने के आरोप का था। युवती ने इस मामले में एफआईआर कराई थी कि युवक ने उससे शादी का झूठा वादा करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। केस रेप की धाराओं में दर्ज किया गया था।

हाई कोर्ट के समक्ष आरोपी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया, जिसके आधार पर हाई कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ केस ड्रॉप कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि वादा तोड़ने का मतलब झूठा वादा नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शादी के वादे से पीछे हटना झूठा वादा नहीं होता। हर मामले को शादी का वादा करके संबंध बनाना रेप नहीं होता। यह मानकर आरोपी को सजा देना मूर्खता होगी। सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश का हवाला हाई कोर्ट ने लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई शादी का वादा करता है और महिला सहमति से यौन संबंध बनाती है तो यह धोखा देना ही नहीं हुआ। वादे के उल्लंघन को झूठा वादा नहीं कहा जा सकता है। अधिवक्ता लोकेश जाडे ने हाई कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके मुवक्किल के मामले पर लागू होता है।

उन्होंने तर्क दिया कि दोनों के बीच शादी का प्रस्ताव था और एक पारिवारिक बैठक भी थी। युवक और युवती दोनों जुलाई 2014 से नवंबर 2014 तक रिश्ते में रहे। दोनों के संबंध सहमति से थे। कोई बल प्रयोग नहीं किया गया। आरोपी ने शादी का झूठा वादा नहीं किया था।

लोवर कोर्ट का आदेश पलटा
निचली अदालत ने 3 अगस्त, 2019 को उनकी आरोपमुक्त करने की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया मुकदमा चलाने का मामला है। प्राथमिकी में कहा गया था कि वह जून 2014 में एक पारिवारिक मित्र के माध्यम से शादी के प्रस्ताव के लिए आरोपी से मिली थी। उसने यह भी दावा किया कि जुलाई में उसकी मां ने शादी के लिए अपनी सहमति दी थी और उसके परिवार को शादी का आश्वासन दिया था, जिसके बाद जब उसने शादी के आश्वासन पर संभोग किया तो उसने उससे मिलना शुरू कर दिया।

युवती का आरोप था कि युवक ने उसे धमकी दी और गालियां भी दीं। दोनों के संबंध सहमति से बने। युवक ने युवती के साथ बल प्रयोग नहीं किया। हाई कोर्ट के अभियोजक वाईवाई डबके की ओर से अधिवक्ता प्रियंका चव्हाण को भी सुनने के बाद उनकी याचिका का निपटारा कर दिया।

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