मुंबई में अवैध निर्माण से खिसक रहीं पहाड़ियां… BMC की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
मुंबई: महानगर में बारिश के दौरान लैंडस्लाइड की घटना हर साल सामने आती है। इसमें बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि होती है। कई लोग घायल होते हैं और कइयों की जान चली जाती है। लैंडस्लाइड की समस्या से निपटने के लिए बीएमसी व अन्य एजेंसियां पिछले कई साल से प्रयास कर रही हैं, लेकिन अब तक पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रही हैं।
पिछले कुछ वर्षों में चेंबूर, भांडुप, मालाड, विक्रोली, घाटकोपर, अंधेरी, वडाला सहित मुंबई के अन्य हिस्सों में लैंडस्लाइड की घटना सामने आई है। इन घटनाओं को रोकने के लिए बीएमसी, म्हाडा और पीडब्ल्यूडी विभाग के जरिए सुरक्षा दीवार बनवाने का काम कर रही है।
हालांकि, पिछली कुछ घटनाओं के बाद बीएमसी ने जब सर्वे किया, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सर्वे में यह बात सामने आई कि मुंबई में भूस्खलन इसलिए हो रहा है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले नागरिकों ने पहाड़ियों पर जल निकासी के होल और नालियों को अवैध निर्माण कर बंद कर दिया था।
साथ ही, सुरक्षा दीवार से सटा कर अवैध निर्माण किया गया था। इससे बारिश के दौरान सुरक्षा दीवार के पास जलजमाव हुआ और पहाड़ी के दबाव के कारण लैंडस्लाइड हो गया। लैंडस्लाइड के दौरान मिट्टी और पत्थर के साथ पेड़ भी गिरे, जिससे काफी नुकसान हुआ। कुछ साल पहले चेंबूर और विक्रोली में लैंडस्लाइड की घटना में उक्त वजहें स्पष्ट हुईं। इसीलिए लोगों को पहाड़ियों की ढलान पर जल निकासी के होल और नालियों को भरने से बचने की अपील लगातार की जाती रही हैं।
नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत
बीएमसी के अतिरिक्ति आयुक्त सुधाकर शिंदे ने कहा कि बीएमसी ने ऐहतियाती कदम तो उठाए हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है। आईआईटी मुंबई ने वर्ष 2014-15 में मुंबई के पहाड़ी क्षेत्रों का अध्ययन किया था, जहां पहाड़ी खिसकने की आशंका है। वहीं, बीएमसी ने जिऑलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के जरिए 74 ऐसे खतरनाक स्थानों का सर्वे किया था।
उसमें से 45 स्थानों पर तत्काल सुरक्षा उपाय करने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद वर्ष 2017 में भूस्खलन की घटना के बाद भविष्य में भूस्खलन जैसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बीएमसी की गई थी। एक सर्वेक्षण भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान की गई। क्षेत्रों को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया था: खतरनाक, मध्यम स्तर का खतरनाक, कम खतरनाक और गैर-खतरनाक क्षेत्र।