मानव दूध के दान में २५ से ६० फीसदी की वृद्धि… मनपा संचालित अस्पतालों में मानव दूध बैंक को स्तनपान कराने वाली माताओं का योगदान

मुंबई : मुंबई में मनपा संचालित अस्पतालों में मानव दूध बैंक को स्तनपान कराने वाली माताओं का भरपूर योगदान मिल रहा है। इसके कारण कोविड काल में जो बैंक मानव दूध की किल्लत से जूझ रहे थे, उनमें अब दान में मिलनेवाले मानव दूध की बाढ़ आ गई है।

आंकड़ों के अनुसार, नायर, सायन और राजावाड़ी अस्पतालों में स्थित तीन मानव दूध बैंकों में २०२० और २०२१ महामारी वर्षों की तुलना में २०२२ में दान में वृद्धि देखी गई है। बताया गया है कि मानव दूध के दान में २५ से ६० फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष दूध दान में २५ फीसदी की वृद्धि देखी गई।

इसके बाद स्टॉक का उपयोग जरूरतमंद बच्चों के लिए किया गया, जिससे सालाना लगभग ३,००० से ५,००० शिशुओं को लाभ हुआ। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, वर्ष २०१९ में ८८० लीटर दूध दान किया गया था, जो २०२० में घटकर ५२६ लीटर हो गया।

हालांकि, वर्ष २०२१ में दान में ६३२ लीटर दूध का दान हुआ, जो वर्ष २०२२ में बढ़कर ७९० लीटर तक पहुंच गया। नायर अस्पताल में वर्ष २०२२ में दूध दान में ६० फीसदी की वृद्धि देखी गई। ज्ञात हो कि साल २०१८ में स्थापित दूध बैंक को शुरुआत में २१७ लीटर दूध प्राप्त हुआ था, वहीं पिछले महामारी के दौरान ५० फीसदी की गिरावट के बाद २७५ लीटर दूध हो गया।

कोविड-१९ महामारी के चरम के दौरान स्तनपान करानेवाली माताओं के योगदान में गिरावट के कारण मानव दूध बैंकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालांकि मनपा की जागरूकता, पहल और प्रयासों ने बड़ी संख्या में ऐसी माताओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया है।

राजावाड़ी अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विद्या ठाकुर के मुताबिक, दानकर्ता दो खंडों में विभाजित हैं। पहली श्रेणी में ऐसी माताएं हैं, जो अस्पताल में प्रसव कराती हैं और छुट्टी मिलने से पहले दान करती हैं। दूसरी श्रेणी में वे माताएं शामिल हैं, जो फॉलो-अप या टीकाकरण के लिए अपने नवजात शिशुओं के साथ ओपीडी में आती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.