मुंबई कोस्टल रोड का फिर बढ़ा खर्च 100 करोड़ की हुई वृद्धि… खंभों के बीच की दूरी बढ़ाने के लिए बो स्ट्रिंग आर्च ब्रिज

मुंबई : मुंबई कोस्टल रोड (दक्षिण) को प्रिंसेस स्ट्रीट से बांद्रा वर्ली सी लिंक तक बन रहे कोस्टल रोड का खर्च फिर बढ़ गया है। कोस्टल रोड के पैकेज-2 के कार्य में बदलाव किया गया है जिसके चलते खर्च बढ़ने की जानकारी मनपा को ओर सेकड़ी गई। बता दे कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देश पर वर्ली सीलिंक के पास ब्रिज के दो खम्भों के बीच की दूरी 60 मीटर से बढ़ा कर 120 मीटर की गई ।

यह निर्णय कोली समाज के नाव के आवागमन के लिए किया गया। अब पिलर संख्या 7 और 9 के बीच पिलर संख्या 8 को निकाल कर बो स्ट्रिंग आर्च ब्रिज और उसके बगल में 2 से 11 पिलर के बीच कंपोजिट स्टील डेक ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। प्रोजेक्ट की अब अवधि बढ़ने के साथ-साथ प्रोजेक्ट की लागत में भी 100 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। उल्लेखनीय है कि मनपा का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट कोस्टल रोड का तेजी से काम चल रहा है और कुल परियोजना का 75 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है ।

मनपा द्वारा प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर से बांद्रा वर्ली सी लिंक के दक्षिणी छोर तक कोस्टल रोड का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी कुल लंबाई 10.58 किमी होगी . यह एक बहुत बड़ी और जटिल परियोजना है जो अक्टूबर 2018 में शुरू हुई थी। कोर्ट की रोक और बदलाव के कारण इस प्रोजेक्ट की समय सीमा बढ़ा दी गई है और सलाहकारों की फीस भी बढ़ा दी गई। जीएसटी में 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत की वृद्धि से परियोजना की लागत 339 करोड़ रुपये बढ़ गई थी।

इसके अलावा दोनों पिलर के बीच की दूरी बढ़ने के कारण उस जगह पर एक विशेष पुल का निर्माण करना होगा और इस तरह इस काम में 721 करोड़ रुपये और अतिरिक्त लगेंगे .सभी टैक्स मिलाकर कुल खर्च में 922 करोड़ की बढ़ोत्तरी हो गई। अब कुल प्रोजेक्ट का खर्च बढ़कर 13 हजार 983 करोड़ हो गया है .जबकि 2018 में प्रोजेक्ट शरू होते समय कुल लागत 12,721 करोड़ रुपये तय की गई थी। कार्यों में विस्तार के आधार पर अब प्रोजेक्ट दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।

वर्ली के मछुआरों ने पिलर की दूरी 200 मीटर करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे। लेकिन विभिन्न कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने वर्ली सी ब्रिज के नीचे जलमार्ग के बीच की दूरी 60 मीटर कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर खंभों की दूरी बढ़ा कर 120 मीटर करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए पिलर 8 को हटाकर दूरी बढ़ाई जा रही है। इस काम पर 670.20 करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन अब इस चरण में कार्य की प्रकृति में बदलाव के कारण लागत बढ़ गयी है,प्रोजेक्ट की लागत में 101,30,14,331 करोड़ रुपए की बढ़ोत्तरी होकर अब 611,42,57,639 तक पहुंच गई है.

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