रिक्शा चालकों” से परेशान हैं खुद रिक्शा चालक”, वसई-विरार में आधे से ज्यादा रिक्शे हैं अवैध… रजिस्ट्रेशन तक नहीं
वसई : वसई -विरार में इतने ऑटो रिवशा हैं कि लोगों का पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। हर गली-चौराहे पर सैकड़ों रिक्शे देखने को मिल जायेंगे खास बात यह है कि यहां रिक्शा चालक खुद रिक्शा चालकों से परेशान हैं, क्योंकि यहां आधे से ज्यादा रिक्शा अवैध रूप से चल रहे हैं।
आरटी ओ के अनुसार, यहां सिर्फ 40 हजार रिक्शा रजिस्टर्ड हैं, जबकि पूर्व नगरसेवक पंकज पाटील और रिक्शा यूनियन लीडर प्रदीप मिश्रा का कहना है कि यहां एक लाख रिक्शा हैं, जिनमें आधे से ज्यादा अवैध हैं। आरटीओ विभाग और ट्रैफिक पुलिस यहां चलने वाले अवैध रिक्शा और रिक्शा चालकों पर कार्रवाई करने में विफल है। रिक्शा चालकों ने सड़कों पर जगह-जगह अवैध रिक्शा स्टैंड बना लिए हैं।
इससे आम जनता के साथ-साथ व्यापारियों को भी काफी दिक्कत होती है। वसई-विरार में ट्रैफिक जाम के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार अवैध रिवशा ही हैं। आरोप है कि आरटीओ विभाग का उन्हें पूरा सरं्षण प्राप्त है । ट्रैफिक पुलिस भी दिखाबटी कार्रवाई करती है। ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही की वजह से 10 फीसदी रिक्शा चालक ही कानूतों का पालन करते हैं। ज्यादातर के पास न तो वर्दी है और न ही वैज।
40 फीसदी ऑटो रिक्शा फर्जी
रिक्शा यूनियन लीडर प्रदीप मिश्रा ने बताया कि क्सई-विरार में 40 फीसदी रिक्शा फर्जी हैं। इनमें सवसे अधिक रिक्शा नालासोपारा में चल रहे हैं। यहां शाम 7 वजे के वाद सुबह 10 बजे तक सारे फर्जी रिक्शा सड़कों पर दौड़ने लगते हैं। मिश्रा ने कहा कि आरटीओ और ट्रैफिक विभाग को इनसे हफ्ता मिलता है। इसीलिए, इन पर पुलिस कार्रवाई करने से कतराती है। फर्जी रिक्शा चालक कानूनों का जमकर उल्लंघन करते हैं। इनके पास कीं, लाइसेंस, वैच नहीं होते हैं। इसका असर वैध रिक्शा चालकों की कमाई पर पड़ता है।
वैध रिक्शा वाले- यात्री दोनों मजबूर
सूत्रों का कहना है कि हर फर्जी रिक्शा के पीछे ट्रैफिक पति कोदो हजार रुपये मिलते हैं। बैध रिक्शा चलाने वलों का कहना है कि हमें न चाह के भी तीन की जगह 4 से 5 लेगों को किवान पड़ता है, क्योंकि हम तीन यात्री बैठाएं या पा पुलिस को हफ्ता तो देना ही है यात्रियों का कहना कि न चाह कर भी ड्राइवर के बगल में बैठना पड़ता है।
ट्रैफिक जाम का सबसे बड़ा कारण
पूर्व नगरसेवक पाटील ने बताया कि क्सई-विरार में अगर ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ फर्जी रिक्शा चालकों पर सख्ती से कार्रवाई करे, ते यहां ट्रैफिक की समस्या आधे से ज्यादा खत्म हो जाएगी। यहां बेहिसाब रिक्शा चालकों ने सड़कों पर ही अवैध स्टैंड बन दिए हैं, जिन्हें किसी भी तरह की परमिशन नहीं है। ऐम्बुलेंस तक को ये रिक्शा चालक रास्ता नहीं देते हैं।
डर-डर के सफर करती हैं महिलाएं
नालासोपारा के संतोष भुवन की रहने वाली ममता गुप्त ने बताया कि रात के वक्त रिक्शा में सफर करने से डर लगत है। रिक्शा वाले जेर-जोर से म्यूजिक बजाते और ने में होते हैं। गुप्त ने कहा कि पुलिस को ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले और नशेड़ी रिक्शा चालकों पर कार्रवई करनी चाहिए। रात के समय ये लेग मनमाना किराया भी वसूलते हैं।
RTO की ओर से बोगस रिक्शा चालकों पर कार्रवाई जारी है। अप्रैल में डेढ़ सौ से अधिक रिक्शा जब्त किए गए थे। – प्रवीण वागड, आरटीओ अधिकारी
ऑटो रिक्शा के कागजात की जांच और कार्रवाई का काम आरटीओ अधिकारियों का है। लेकिन, वे कभी कार्रवाई करने नहीं आते। ट्रैफिक विभाग हर रोज कार्रवाई करता है। – सागर झंगोले, सीनियर पीआई, ट्रैफिक विभाग, क्सई