महाराष्ट्र की जेलों में बंद विदेशी कैदी अब कर सकेंगे अपने घरवालों से बात… शुरू हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र की जेलों में बंद विदेशी कैदियों के लिए वीडियो कॉल की सुविधा अब उपलब्ध है. गुरुवार (13 जुलाई) को पहली बार आर्थर रोड जेल में बंद किसी विदेशी बंदी ने उसके परिजनों से ePrisons सिस्टम के जरिए बातचीत की. ये बात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई. ई प्रिजन सिस्टम के तहत दो सप्ताह में एक बार पंद्रह मिनट तक वीडियो कॉल पर बात करने की अनुमति दी जाएगी.

केंद्र सरकार की ओर से विकसित ई-प्रिजन प्रणाली एनआईसी के माध्यम से इन कैदियों के घर वालो से संपर्क किया गया. आज की तारीख में राज्य की विभिन्न जेलों में 637 विदेशी कैदी दर्ज हैं. राज्य भर की जेलों में अलग-अलग अपराधों में गिरफ्तार नाइजीरिया, बांग्लादेश, केन्या, कोलंबिया, ईरान, इराक, ब्रिटेन, ग्रीस, गिनी, घाना, ब्राजील, थाईलैंड, युगांडा, चीन, पाकिस्तान, नेपाल जैसे देशों के नागरिक बंद हैं. खासकर मुंबई, नवी मुंबई और अन्य महानगरों की जेलों में विदेशी कैदियों की संख्या सबसे अधिक है.

क्या कहना है जेल प्रशासन का?
फिलहाल, महाराष्ट्र राज्य के सभी जेल प्रमुखों को विदेशी कैदियों के लिए शुरू की गई इस सुविधा की सूचना दे दी गई है. इस मामले पर जेल विभाग के एक अधिकारी का कहना है, “विदेशी कैदियों के रिश्तेदार या वकील व्यक्तिगत रूप से मिलने और साक्षात्कार के लिए नहीं आ सकते हैं, इसलिए विदेशी कैदियों के लिए कानूनी सहायता प्राप्त करना और जेल से रिहा होना मुश्किल हो जाता है.”

उन्होंने आगे कहा, “इससे विदेशी कैदियों में नाराजगी बढ़ने लगती है, इसलिए जेल प्रशासन को इन कैदियों पर लगातार नजर रखनी पड़ती है. विदेशी नागरिकों को यह सुविधा उपलब्ध कराने से उन्हें तेजी से कानूनी सहायता प्राप्त करने में मदद मिलेगी और उन्हें जेल से जल्द बाहर निकलने में मदद मिलेगी. इससे जेलों में भीड़भाड़ को कुछ हद तक कम करने में भी मदद मिलेगी.”

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