पालघर जिले में बीमार बच्ची की खराब सड़क के कारण समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से मौत !
पालघर : पालघर जिले के आदिवासी बहुल विक्रमगढ़ तालुका के एक गांव की दो महीने की बीमार बच्ची की अस्पताल पहुंचने में देरी के कारण रास्ते में ही मौत हो गई। उसके माता-पिता कथित तौर पर उचित सड़क के अभाव के कारण निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) तक समय पर नहीं पहुंच पाए।
परिवार ने यह जानकारी दी। बच्ची को गोद में लेकर नदी पार कर पीएचसी पहुंचने की कोशिश कर रहे परिवार के सदस्यों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया है। विक्रमगढ़ तालुका के चिकित्सकीय अधिकारी डॉ. संदीप निंबालकर ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि बच्ची की मौत निमोनिया के कारण बुधवार को हो गई।
इस 150 लोगों की आबादी वाले गांव में कोई उचित संपर्क सड़क नहीं है। इसलिए माता-पिता को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने के लिए भारी बारिश में एक अन्य रास्ते से जाना पड़ा। नदी पार करने के लिए उन्होंने लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल किया। बच्ची के पिता नरेश चव्हाण ने बताया कि वे अपनी बच्ची को बचा नहीं सके और पीएचसी पहुंचने से पहले, रास्ते में उसकी मौत हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि वे लंबे समय से नदी पर पुल बनाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी गुहार किसी ने नहीं सुनी। गांव की ‘आशा’ (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ता ममता दिवा ने पीएचसी में पत्रकारों से कहा कि 2013 से स्थानीय निवासी गांव के लिए एक संपर्क सड़क के निर्माण की मांग कर रहे हैं। यह गांव दो नदियों गर्गई और पिंजल के पास स्थित है और इसका संपर्क मानसून के महीनों के दौरान जिले के बाकी हिस्सों से काफी हद तक कट जाता है।