गोदरेज एयरोस्पेस में बना है चंद्रयान-३ का एक इंजन…

मुंबई : चंद्रयान-३ को १४ जुलाई, शुक्रवार को दोपहर २.३५ बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा, इसरो के निदेशक एस. सोमनाथ ने घोषणा की थी। चंद्रयान-३ का एक इंजन मुंबई के गोदरेज एयरोस्पेस में बना है। चंद्रयान-३ की लॉन्चिंग पर सोमनाथ ने कहा, ‘१४ जुलाई को दोपहर २.३५ बजे चंद्रयान-३ उड़ान भरेगा और अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह २३ अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा…तारीख तय हो गई है’ चंद्रमा पर सूर्योदय कब होता है इसके आधार पर यह गणना पर निर्भर करेगा, लेकिन अगर इसमें देरी हुई तो हमें लैंडिंग को अगले महीने सितंबर के लिए रखना होगा।
चंद्रयान-३ के कुछ महत्वपूर्ण हिस्से बनाने में महाराष्ट्र का भी योगदान रहा है।

महाराष्ट्र की जमीन पर विक्रोली में स्थिति गोदरेज एयरोसेप्स ने चंद्रयान-३ के लिए लिक्विड इंजन और सैटेलाइट थ्रस्टर का निर्माण किया है। चंद्रयान-३ में ३ तरह के इंजन है, १ सॉलिड और २ लिक्विड, इस लिक्विड इंजन के हार्डवेयर का काम मुंबई में हुआ है। इंजन के साथ-साथ सैटेलाइट थ्रस्टर भी मुंबई में निर्मित हुआ है, जिसका काम चंद्रयान-३ के अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद शुरू होता है। यह एक तरह से यान को चक्कर लगाने के लिए बूस्ट करता है।

हिमसन इंडस्ट्रीयल सिरेमिक ने इसरो को ‘स्क्विब्स’ की आपूर्ति की, जिसका उपयोग चंद्रयान में किया गया है। यह सिरेमिक कंपोनेंट जिसे ‘स्क्विब्स’ कहा जाता है, आग प्रतिरोधी है और ३,००० डिग्री सेल्सियस पर भी नहीं पिघलेगा। हिमसन सिरेमिक के निदेशक निमेश बचकानीवाला ने कहा, ‘उनकी कंपनी १९९४ से अंतरिक्ष वाहनों के लिए आवश्यक सिरेमिक भागों का उत्पादन कर रही है। सिरेमिक घटकों का उपयोग चंद्रयान-१ और चंद्रयान-२ में किया गया है और अब चंद्रयान-३ भी इन कंपोनेंट का उपयोग किया जा रहा है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published.