बीएमसी अस्पतालों से चूहों का होगा सफाया… कीटनाशक विभाग चलाएगा स्पेशल मुहिम
मुंबई: बीएमसी अस्पतालों और उनके परिसर से चूहों का जल्द सफाया होगा। कीटनाशक विभाग स्पेशल मुहिम के तहत चूहों का सफाया करने में जुट गया है। बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने विगत रोज अस्पताल का दौरा किया तो उन्हें अस्पताल परिसर में ही चूहे दिखे। ऐसे में अधिकारी ने अस्पताल आनेवाले मरीजों, मेडिकल स्टूडेंट्स और डॉक्टरों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कीटनाशक विभाग को चूहों का सफाया करने का निर्देश दिया।
इन दिनों बीएमसी अधिकारी अस्पतालों का दौरा कर रहे हैं। इसी के बीच एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एनबीटी को बताया कि अस्पताल में निरीक्षण के दौरान परिसर में चूहे देखे गए। हमने कीटनाशक विभाग को बीएमसी अस्पतालों से चूहों को हटाने का निर्देश दिया है।
बीएमसी कीटनाशक विभाग के प्रमुख चेतन चौबल ने कहा कि हमने विशेष मुहिम के तहत बीएमसी के अस्पतालों में रैट किलिंग ऐक्टिविटी शुरू कर दी है। सभी 24 वॉर्डों में मौजूद अस्पतालों में रैट किलिंग ऐक्टिविटी की जाएगी। मुंबई के 4 मेडिकल कॉलेज, 18 उपनगरीय अस्पताल और 29 मैटरनिटी होम में चूहों को मारने की मुहिम चलाई जाएगी।
चूहों से होती हैं ये बीमारियां
चूहे के चबाने और खोदने से काफी नुकसान होता ही है, इंसानों में भी कई प्रकार के रोग फैलते हैं। चूहे के काटने से रैट बाइट फीवर सहित अन्य संक्रामक बीमारियां होती हैं। इसके अलावा चूहों के मलमूत्र के संपर्क में आने से लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी होने का खतरा बना रहता है और कई बार संक्रमित व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। मुंबई में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां बीएमसी के अस्पतालों में चूहों ने मरीज को अपना शिकार बनाया है।
इस तरह होगा चूहों का सफाया
कीटनाशक विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बड़े चूहे, जो अक्सर नालियों या बाहर परिसर में दिखते हैं, उनको मारने के लिए बीएमसी द्वारा नियुक्त की गई संस्था के नाइट रैट किलर को चूहों का सफाया करने का निर्देश दिया गया है। इसी के साथ पॉइजन बेटिंग (यानी जहर रखना, जिसे खाते ही चूहे मर जाएं) करने के लिए भी कहा गया है। अस्पताल के अंदर के चूहों के लिए पिंजरे के अलावा हम अस्पताल प्रशासन से यह कहेंगे कि वे अस्पताल में चूहों के एंट्री पॉइंट बंद करने को लेकर कदम उठाएं।
4डी फॉर्म्यूला
कीटनाशक विभाग के अधिकारी ने कहा कि अस्पताल हो या घर, सभी को 4डी फॉर्म्यूला अपनाना चाहिए। यानी डिनाय एंट्री (प्रवेश ही नहीं मिलना चाहिए), डिनाय शेल्टर (छिपने के लिए जगह नहीं मिलनी चाहिए), डिनाय फूड (खाने के लिए कुछ नहीं मिलना चाहिए) और डिस्ट्रॉय (खात्मा।) इस फॉर्म्यूला के अपनाने से चूहों का आतंक कम होगा।
एक चूहा मारने के मिलते हैं 23 रुपये
बीएमसी फिलहाल रैट किलर्स को एक चूहा मारने का 23 रुपये देती है, लेकिन उन्हें यह पैसे तब मिलते हैं जब वह बीएमसी द्वारा दिए गए पूरे महीने का टार्गेट पूरा करते हैं। यही टार्गेट 50 से कम रहा तो फिर एक भी पैसा नहीं दिया जाता। उदाहरण के तौर पर यदि 100 चूहे मारने का टार्गेट दिया गया है और संस्था 70 चूहे ही मार पाई तो उसे 11 रुपये के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं।