राकांपा नेता से जुड़े इस बैंक पर ED का छापा… 1000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जाने क्या है जयंत पाटिल का कनेक्शन !
मुंबई : महाराष्ट्र से मिल रही बड़ी खबर के अनुसार, यहां बीते शुक्रवार को ED ने संदिग्ध लेनदेन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पश्चिमी महाराष्ट्र में 14 परिसरों की एक साथ तलाशी ली। इस गहन छापेमारी में सांगली में राकांपा राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल से जुड़े राजारामबापु सहकारी बैंक लिमिटेड का कार्यालय भी शामिल बताया जा रहा है ।
वहीं ED ने जिस मामले में छापेमारी की, वह लगभग 1000 करोड़ रुपये घोटाले का एक दशक पुराना मामला बताया जा रहा है। इसके साथ ही जिन परिसरों की तलाशी हुई उनमें एक CA का भी परिसर शामिल है। इधर उक्त CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट) पर ED को पहले से ही संदेह है कि उसने कई कंपनियों को कमीशन के बदले फर्जी व्यापारिक लेनदेन के माध्यम से वैध धन को अवैध धन में बदलने और इसके विपरीत में मदद करने में मदद की थी।
मामले पर ED से जुड़े सूत्रों ने बताया कि, संदिग्ध कंपनियों में शहर के कई बड़े समूह भी शामिल हैं। वहीं ED ने अपनी जांच में पाया कि CA ने कंपनियों को उनके अवैध धन को नगदी में बदलने में मदद की। इस रकम को रिश्वत देने या अस्पष्ट खर्चों के लिए किया गया था।
मनी लॉन्ड्रिंग यह मामला बीते 2011 का है। आरोप है कि CA ने कथित तौर पर अपनी शेल फर्मों के नाम पर फर्जी बिल और चालान प्रदान करके कंपनियों को कच्चा माल बेचा था। कंपनियां कथित तौर पर RTGS के माध्यम से RSBL में शेल कंपनी खातों में धन ट्रान्सफर करती थीं।
इधर ED से जुड़े सूत्रों के अनुसार, जाली KYC दस्तावेजों के साथ RSBL में कई खाते खोले गए और फर्जी तरीकों से इन खातों में बड़ी रकम स्थानांतरित की गई। फिर खातों से उक्त पैसा कैश में निकाल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट बैंक अपने बड़े अधिकारियों को करने में विफल रहा। ऐसा भी आरोप है कि CA की कई फर्जी कंपनियां थीं और उन्होंने फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराकर बैंक में कई अन्य लोगों के साथ उनके नाम पर खाते खोले थे।
RSBL और जयंत पाटिल का कनेक्शन
जानकारी हो कि सांगली में NCP राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल भी RSBL से जुड़े हुए हैं। ऐसे में इस तफ्तीश की जांच की आंच उन पर भी आ सकती है। हालांकि ED अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। वहीं खुद पाटिल ने ED की तलाशी पर कोई सफाई नहीं दी है। ED को इस बात पर भी शक है कि RSBL बैंक ने जानबूझकर जानकारी छिपाई है।