कोविड-19 केंद्र ‘घोटाले पर बोले देवेंद्र फडणवीस… लोगों के जीवन को जोखिम में डाला गया
मुंबई : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि महा विकास आघाडी शासन के समय महामारी के दौरान मुंबई में कोविड-19 देखभाल केंद्र स्थापित करने में कथित अनियमितताओं के कारण कई लोगों की जान जा सकती थी। पुणे में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि बिना किसी पूर्व अनुभव वाली कंपनियों को कोरोना वायरस महामारी के दौरान चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
गृह विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल रहे फडणवीस ने कहा, ‘‘बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) के कोविड-19 देखभाल केंद्रों में घोटाले के साथ-साथ चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि (महामारी के दौरान) कैसे कुछ अनुभवहीन कंपनियों को स्थापित किया गया और लोगों के जीवन को जोखिम में डाल दिया गया। इसके परिणामस्वरूप कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के कुप्रबंधन (देखभाल केंद्रों के) के कारण पुणे में एक पत्रकार की मौत हो गई। इसलिए, इस मामले (अनियमितताओं) की जांच चल रही है। हालांकि, फडणवीस ने कोविड-19 केंद्र संचालित करने में कथित घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे से संबंधित सवालों को टाल दिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘छापों का विवरण, उसका दायरा और उन्हें (ईडी) क्या जानकारी मिली है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
ईडी ने कारोबारी सुजीत पाटकर और अन्य के खिलाफ कथित कोविड केंद्र घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में बुधवार को मुंबई में 15 स्थानों पर छापेमारी की। पाटकर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के करीबी माने जाते हैं। आदित्य ठाकरे के नेतृत्व वाली युवा सेना की कोर कमेटी के सदस्य सूरज चव्हाण के ईडी की जांच के घेरे में आने के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ‘‘घोटाले से जुड़े लोगों पर ईडी के अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं। हालांकि, छापेमारी के बारे में ईडी ही जानकारी दे सकती है क्योंकि मेरे पास विवरण नहीं है।
चव्हाण उन लोगों में से एक हैं जिनके मुंबई स्थित आवास पर धन शोधन मामले में ईडी ने छापा मारा था। मुंबई पुलिस ने लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज कंपनी, पाटकर और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ पिछले साल अगस्त में जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धनशोधन के पहलू से जांच के लिए मामला दर्ज किया था।