महावितरण कंपनी की मनमाने तरीके से बिल भेजने से नागरिक परेशान… मीटर बदलना हो तो उपभोक्ता को खुद लाना होता है नया मीटर
नवी मुंबई : महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी यानि कि महावितरण कंपनी द्वारा की जा रही मनमानी की वजह से पिछले कुछ समय से नवी मुंबई के उपभोक्ता खासे नाराज है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि नवी मुंबई के कई क्षेत्रों में महावितरण कंपनी का कोई भी व्यक्ति मीटर की रीडिंग लेने के लिए नहीं आता है और कंपनी अपने मनमाने तरीके से बिजली के बिल भेज देती है। जिसकी वजह से घणसोली के बिजली उपभोक्ताओं ने नाराजगी व्यक्त की जा रही है।
पता हो कि महावितरण कंपनी ने अपने मनमाने तरीके से प्रति यूनिट के दाम बढ़ा दिए है जिसकी वजह से उपभोक्ता बढे हुए बिजली बिल के बोझ से दबा हुआ है , इसके साथ ही यदि किसी उपभोक्ता को बिजली का मीटर बदलना हो तो उसे मीटर बाहर से लाने की बात कहकर उस पर और भी बोझ लादने का काम किया जाता है।
महावितरण अधिकारियों तथा कर्मचारियों के इस रवैये से नाराज घनसोली के बिजली उपभोक्ता मनीष कोटियन का कहना है कि उनकी ग्राहक संख्या 000226401954 है , पहले उन्हें मात्र 12 सौ रुपये प्रतिमाह का बिल आता था लेकिन पिछले दो महीने से लगातार उनका बिल 25 सौ तथा 26 सौ के आसपास आ रहा है। उनके घर में बिजली के कोई खास ऐसे उपकरण नहीं है जिनसे बिजली की खपत अधिक हो।
उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्होंने कोपर खैरणे स्थित बिजली कार्यालय में अपना मीटर बदलने के लिए आवेदन दिया था किन्तु शुरू में महावितरण विभाग के अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन जब उन्होंने बार बार मीटर बदलने की बात कही तो वहां के कर्मचारियों ने कहा कि उनके पास मीटर उपलब्ध नहीं है उन्हें अपने पैसों से मीटर खरीदकर लाना होगा तभी मीटर बदल पायेगा अन्यथा वे इंतजार करें। उपभोक्ताओं का कहना है कि मीटर महावितरण कंपनी द्वारा दिया जाना चाहिए।
पता हो कि नवी मुंबई में महावितरण विभाग के कर्मचारियों द्वारा इस तरह का रवैया अपनाए जाने से उपभोक्ताओं ने खासी नाराजगी व्यक्त की है , कहा जा रहा है कि घणसोली में मनीष कोटियन अकेले महीन हैं जिनका बिल अधिक आया हो बल्कि बहुत सारे उपभोक्ता है जिनके बिल अधिक आ रहें हैं लेकिन बिजली का कनेक्शन कहीं कट न जाए इस डर से उपभोक्ता बिल जमा कर देते हैं।
इस सन्दर्भ में महावितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी शिकायत की गयी है। उपभोक्ताओं द्वारा की गयी इस शिकायत के संदर्भ में महावितरण विभाग की मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी से बात करने की कोशिश की गयी लेकिन उन्होंने मोबाईल फोन नहीं उठाया।