डूब सकता है वसई – विरार नाला साफ-सफाई… इस साल भी नाले सफाई के नाम पर करदाताओं के रुपये भ्रष्टाचार की भेट चढ़ चुके – भाजपा

वसई : वसई विरार शहर महानगरपालिका घनकचरा व्यवस्थापना विभाग द्वारा पिछले दिनों एक जाहिर आवाहन कर नागरिकों को बताया है कि, बारिश से पहले तालुका के सभी कच्चे और पक्के नालों की ९५ प्रतिशत सफाई हो चुकी है,इस जानकारी के लिए भाजपा वसई विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने विविसीएमसी प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए बताया है कि एक तरफ मनपा प्रशासन ९५ प्रतिशत नाले सफाई होने की वाहवाही लूट रही है तो दूसरी ओर नागरिकों को काम पर लगाते हुए अपील भी कर रही है कि यदि किसी नाले की सफाई नहीं होने की जानकारी नागरिकों के ध्यान में आती है तो जियो टैगिंग द्वारा या आरोग्य विभाग के सहायक आयुक्त व वरिष्ठ आरोग्य निरीक्षक के दिए गए नंबर पर जानकारी भेज सकते है।

नाले सफाई को लेकर मनपा प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी पर बारोट का कहना है कि मनपा के कार्यादेश के मुताबिक नाले सफ़ाई करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की हैव ठेकेदार ने कार्यादेश के मुताबिक काम किया है की नही ? यह देखने की जिम्मेदारी सभी ९ प्रभागों के संबंधित विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की है, इसलिए मनपा प्रशासन द्वारा जारी की गई आवाहन में नागरिको को किया हुआ अपील ही अपने आप में अनेक सवाल खड़ा कर रही है, बारोट का आरोप है कि वरिष्ठ अधिकारियों को उनके द्वारा जारी आवाहन पर ही शायद विश्वास नही है ?

इसका मुख्य कारण शायद यही हो सकता है कि उन्हें ठेकेदारों के काम पर या अधिकारी कर्मचारियों के अहवाल (प्रस्तुति) पर भरोसा नहीं है और शायद इसलिए ही नागरिकों को अपील कर सही जानकारी हासिल करने का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जा रहा है यह कहना गलत नहीं होगा। बारोट ने मनपा आयुक्त अनिल पवार को लिखित पत्र द्वारा मांग की है कि ९५ प्रतिशत नाले सफाई का दावा कितना सच है और कितना झूठ ? इसकी सही जानकारी सच में हासिल ही करनी है तो सब से पहले जो बाकी बचे है उन ५ प्रतिशत नाले की जानकारी नागरिकों को दी जाए. उसके बाद नागरिकों को अपील करे।

इसके पश्चात यदि किसी भी जागरूक नागरिक द्वारा मनपा प्रशासन को जियो टैगिंग या दिए गए व्हाट्सएप पर नाला सफाई नहीं होने की जानकारी दी जाती है तो तत्काल उस प्रभाग के जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार पर कार्रवाइ की जाए,क्योकि नालेसफाई के नाम पर हर साल तालुका के करदाताओं के करोड़ों रुपये कुछ भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदारों की जेब भरने के लिए नही बल्कि तालुका के नागरिकों को जलभराव की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाता है, इसलिए प्रशासन बाकी बचे ५ प्रतिशत नाले की यादि तत्काल जाहिर करे अन्यथा इस वर्ष यदि तालुका में जलभराव की स्थिति निर्माण होती है तो यही समझा जायेगा की प्रशासन नाले सफाई को लेकर बेजवाबदार है और हर साल की तरह इस साल भी नाले सफाई के नाम पर करदाताओं के रुपये भ्रष्टाचार की भेट चढ़ चुके है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.