सरकार की मदद से कोचिंग की सुविधा प्राप्त कर 17 आदिवासी छात्रों ने पास की ‘जेईई-मेन्स’ की परीक्षा

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के गोंदिया और गढ़चिरौली जिले के दूर-दराज के गांवों के कम से कम 17 आदिवासी छात्र सरकार की मदद से कोचिंग की सुविधा प्राप्त कर ‘जेईई मेन्स’ की परीक्षा पास कर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में पढ़ने के अपने सपने के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं।

एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक इन छात्रों ने जिले के बोरगांव बाजार में आदिवासी विकास विभाग के चार महीने के आवासीय कोचिंग कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ‘जेईई एडवांस’ परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त कर ली है।

अधिकारी ने बताया कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) में पढ़ने वाले गढ़चिरौली और गोंदिया जिले के लगभग 17 आदिवासी छात्र, जो 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल हुए थे, उन्हें इस वर्ष राज्य सरकार के आदिवासी विकास विभाग द्वारा गठित एक टीम द्वारा जेईई परीक्षा के लिए कोचिंग दी गई थी।

आदिवासी विकास विभाग में अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र ठाकरे ने कहा कि उन्होंने विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी आश्रम विद्यालयों का निरीक्षण करने के बाद ‘मिशन शिखर’ कार्यक्रम शुरू किया। रवींद्र ठाकरे ने आश्रम विद्यालयों के शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण और कार्यशालाएं भी शुरू की थीं। उन्होंने कहा कि आदिवासी छात्र पढ़ाई में बहुत अच्छे होते हैं, लेकिन उन्हें सही मंच नहीं मिलता और 2021 में शुरू हुआ ‘मिशन शिखर’ वह मंच है।

रवींद्र ठाकरे ने कहा, ‘‘ हमने स्थानीय शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया, जिन्होंने इन छात्रों को कोचिंग देने में शानदार काम किया। निजी कोचिंग केंद्रों से बिना किसी पेशेवर कोचिंग के 25 में से कम से कम 17 छात्रों ने ‘जेईई एडवांस’ परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त कर ली है।’’

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