हाइड्रोलिक सिस्टम की लिफ्ट गिरने से दो लोगों की मौत !
मुंबई : महानगर मुंबई सहित कई शहरों में बढ़ते वाहनों के चलते पार्किंग की समस्या उपजी है। इस समस्या के निवारण के लिए अब कार के ऊपर कार पार्किंग सिस्टम अर्थात नई हाइड्रोलिक सिस्टम से कार पार्किंग प्रणाली का चलन बढ़ रहा है। लेकिन यह हाइड्रोलिक कार पार्किंग सिस्टम जानलेवा साबित होने लगा है। एक तरफ जहां इससे जगह की बचत होने का हवाला दिया जा रहा है, वहीं अब दुर्घटनाएं सामने आने लगी हैं। मात्र मई महीने में ही मुंबई में हाइड्रोलिक सिस्टम की लिफ्ट गिरने से दो लोगों की मौत हो गई है।
एक दिन पहले चेंबूर में स्वस्तिक फ्लेयर हाउसिंग सोसाइटी के ४० वर्षीय हाउसकीपिंग कर्मचारी की शाम को हाइड्रोलिक कार लिफ्ट गिरने से मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया है। एक महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना है। इससे पहले २ मई को घाटकोपर के एक हाउसिंग सोसायटी में हाइड्रोलिक कार लिफ्ट गिरने की घटना सामने आई थी। उस घटना में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
हाइड्रोलिक कार पार्किंग में बढ़ती घटनाओं से अब इसकी सेफ्टी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। आधुनिक युग मे हाइराइज इमारतों में इस प्रकार की कार पार्विंâग जनता के लिए कितनी सुरक्षित है। हाइड्रोलिक कार लिफ्ट का काम करनेवाले नितेश पाल ने बताया कि भारत में अभी इस तरह की तकनीकी नई है। इसमें और एडवांस होने की आवश्यकता है। वैसे तो यह सुरक्षित है, लेकिन फिर भी इसमें सुधार की गुंजाइश है। साथ ही सतर्क रहने की भी आवश्यकता है। एक अन्य ने बताया कि इसके लिए सेफ्टी नियमों में चूक होने पर ऐसी घटनाएं होना संभव है। लोगों को अलर्ट रहना ज्यादा जरूरी है।
प्राप्त जनकारी के अनुसार, चेंबूर में डीके संधू मार्ग पर स्वास्तिक फ्लेयर बिल्डिंग के हाउस कीपिंग कर्मचारी योगेश जाधव पार्किंग में हाइड्रोलिक लिफ्ट देख रहे थे, तभी लिफ्ट अचानक गिर गई। शाम ५ बजे के करीब हुई इस घटना में लिफ्ट के नीचे दबने से योगेश की मौत हो गई। पुलिस ने इस हाइड्रोलिक कार पार्विंâग सिस्टम का मेंटेनेंस काम करनेवाली जेडीबी कंपनी के विशाल भोसले और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक सावधानी नहीं बरतने के आरोप में एफआईआर दर्ज किया है।
इससे पहले २ मई को घाटकोपर हाउसिंग सोसाइटी में हाइड्रोलिक कार लिफ्ट की सर्विसिंग का काम कर रहे एक व्यक्ति पर लिफ्ट गिरने से उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में भी पंत नगर थाने में मेंटेनेंस का काम करनेवाली कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।