महानगरपालिका गृहकर विभाग में गबन का पर्दाफाश… कर अधीक्षक निलंबित

वसई : वसई विरार शहर महानगरपालिका के गृहकर विभाग में टैक्स के रूप में जमा धन के गबन का मामला सामने आया है.इस मामले में विविसीएमसी ने एक कर अधीक्षक को िनलंबित कर दिया है और दो अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.साथ ही इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई है और उसके जरिए जांच शुरू कर दी गई है। सामाजिक कार्यकर्ता चरण भट ने वसई-विरार शहर महानगरपालिका वार्ड समिति ‘सी’ घरपट्टी मंडल में वित्तीय गबन की शिकायत की।

उन्होंने यह भी आशंका व्यक्त की कि मकान गिरवी के रूप में जमा धन को बाजार में ब्याज समेत अन्यत्र डायवर्ट किया गया और इसकी शिकायत विविसीएमसी आयुक्त से की और जांच की मांग की,मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कमिश्नर अनिल कुमार पवार ने संबंधित विभाग से ‘जांच रिपोर्ट’ मांगी थी,इस जांच रिपोर्ट में कर अधीक्षक अरुण एस.जानी ने १८ अप्रैल २०२३ से १६ मई २०२३ की अवधि में ७२ लाख ६८ हजार ८९९ में से ४६ लाख ४६ हजार २३९ रुपये का भुगतान कर महानगरपालिका को नहीं किया है।

चूंकि कर अधीक्षक अरुण जानी का यह कृत्य गबन है और महाराष्ट्र नगरपालिका सिविल सेवा (आचरण) अधिनियम, १९७९ की धारा ३ का उल्लंघन करता है, इसलिए आयुक्त अनिल कुमार पवार ने गुरुवार को जानी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है. इस मामले में मनपा आयुक्त ने वार्ड कमेटी सी के प्रभारी सहायक आयुक्त गणेश पाटिल व लेखपाल नियती कडू को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कर अधीक्षक अरुण जानी को जैसे ही अपने खिलाफ कार्रवाई की जानकारी हुई तो देखने में आया है कि उन्होंने बुधवार दोपहर नगर पालिका को तत्काल कुछ राशि का भुगतान कर दिया.

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