प्याज उत्पादक किसान परेशान… बिचौलिए मालामाल !

मुंबई : महाराष्ट्र में पिछले महीने हुई बेमौसम बरसात के कारण फसल का काफी नुकसान हुआ है। फसल के खराब होने के कारण किसानों को प्याज का उचित दाम नहीं मिल रहा। इसके गिरते रेट के चलते किसान परेशानी में हैं। प्याज उत्पादक किसानों के आंसू रोके नहीं रुक रहे हैं, जबकि बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं। हाल यह है कि वाशी की प्याज मंडी में प्याज की कीमतें १ से २ रुपए प्रति किलो तक के निचले स्तर पर आ गई हैं।

बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी मंडी के रूप में वाशी स्थित मुंबई कृषि उत्पन्न बाजार समिति (एपीएमसी) को पहचाना जाता है। इस मंडी के प्याज मंडी में पहले प्रतिदिन डेढ़ सौ से अधिक प्याज से भरी गाड़ियों की आवक होती थी, लेकिन पिछले महीने हुई बेमौसम बरसात के कारण नासिक में फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। फसल खराब होने के कारण किसान प्याज सुखाकर बाजार में भेज रहे हैं। ऐसे में आवक कम हो रही है।

आवक कम होने के कारण कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। पिछले साल भी किसानों को बारिश और बाढ़ ने तबाह किया था और इस साल मंडियों के सिस्टम ने किसानों को कई समस्याओं के बीच प्याज को लागत से भी कम रेट पर बेचना पड़ रहा है। प्याज उत्पादन की लागत प्रति किलो १५ रुपए से अधिक आ रही है, जबकि उन्हें इसका मूल्य औसतन १ से लेकर ८ रुपए तक ही मिल पा रहा है। उत्पादन लागत भी न निकल पाने की वजह से किसानों को प्याज रुला रहा है। किसानों का कहना है कि ऐसा ही हाल रहा तो अब वो प्याज की खेती नहीं करेंगे।

प्याज के थोक व्यापारी मनोहर तोतलानी ने बताया कि नासिक में किसान ने फसल को खेत में रखा हुआ था, लेकिन अचानक बेमौसम बारिश की वजह से निकाला गया प्याज सड़ रहा है, इसलिए किसान कम भाव में ही प्याज बेचने को मजबूर हैं। किसानों को अभी भी सही दाम मिलने का इंतजार है। एक किसान ने बताया कि किसानों की एक परेशानी हो तो उसकी बात की जाए एक तो प्याज का सही भाव नहीं मिल रहा है और दूसरे अब स्टोर किए हुए प्याज सड़ रहे हैं। इससे हमें लाखों का नुकसान हो रहा है।

किसान ने बताया कि अधिक समय से स्टोरेज किए हुए प्याज पर कीड़ों का असर भी देखने को मिल रहा है। मनोहर तोतलानी ने बताया कि प्याज की आवक कम होने से कीमतों में गिरावट भी आई है। बुधवार को प्याज की ९३ गाड़ियों की आवक हुई, जिसमें गीले प्याज और सूखे प्याज का भी समावेश था। गीला प्याज १ रुपए से दो रुपए किलो बेचा गया, जबकि अन्य प्याज पांच से आठ रुपए किलो बेचा गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.