महाराष्ट्र के 15 हजार से अधिक किसानों ने निकाला पैदल मार्च, उपज का लाभकारी मूल्य समेत कई मांगे
पुणे : महाराष्ट्र के 15,000 से अधिक किसानों ने भूमि अधिग्रहण के लिए पर्याप्त मुआवजे और दूध, कपास और अन्य फसलों के लिए सही मूल्य सहित कई मांगों को लेकर अहमदनगर जिले में पैदल मार्च निकाला है। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की ओर से अहमदनगर के अकोले से बुधवार को शुरू हुए इस पैदल मार्च में कई महिलाएं भी शामिल थीं। मार्च का समापन शुक्रवार को जिले के लोनी में होगा, जो अकोले से लगभग 230 किमी दूर है। एआईकेएस द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज के अनुसार, एआईकेएस के लाल झंडे लिए किसानों ने अपनी मांगों को उठाने के लिए नारेबाजी की और राज्य सरकार पर भ्रष्ट होने का आरोप भी लगाया।
एआईकेएस की मांगों में किसानों और कृषि श्रमिकों के नाम पर भूमि का अधिकार, आवश्यक भूमि अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा, दूध, कपास, सोयाबीन, अरहर, चना और अन्य उपज के लिए लाभकारी मूल्य शामिल हैं। दूध और डेयरी उत्पादों के आयात का विरोध करने वाले किसानों ने प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजे की भी मांग की है। इसके साथ ही, किसानों, कृषि श्रमिकों और निराश्रितों के लिए पेंशन में वृद्धि, निर्माण श्रमिकों के लिए मेडिक्लेम और आवास की सुविधा, पारिश्रमिक में वृद्धि की मांग की है।
विरोध प्रदर्शन करने वालों के अनुसार, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, जिनके कार्यालय में लोनी में मार्च समाप्त होगा, उन्होंने एआईकेएस के एक प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को मुंबई में सह्याद्री राज्य अतिथि गृह में चर्चा के लिए आमंत्रित किया। संगठन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है, “राज्य सरकार द्वारा इस मार्च को वापस लेने के दलीलों के बावजूद, एआईकेएस ने इस मार्च को आगे बढ़ाया है।”
बुधवार से शुक्रवार तक चलेगा मार्च
बुधवार को मार्च शुरू होने से पहले किसानों ने एक बैठक की, जिसकी अध्यक्षता एआईकेएस अध्यक्ष डॉ. अशोक धावले ने की थी। अर्थशास्त्री आर रामकुमार ने किसानों को संबोधित किया। मार्च के हिस्से के रूप में प्रसिद्ध पत्रकार पी साईनाथ भी किसानों के साथ चल रहे हैं।