ठाणे : परियोजना के आड़े आ रहा है एस्केलेटर
ठाणे : रेलवे स्टेशनों पर लगे एस्केलेटर्स से यात्रियों को बड़ी सुविधा मिल रही है। ठाणे स्टेशन के प्लेटफार्म नं.-१० पर लगे एक एस्केलेटर को हटाने का काम रेलवे प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। यह एस्केलेटर ठाणे स्टेशन-पूर्व में चल रही सेटिस परियोजना के आड़े आ रहा है।
सवाल यह पैदा होता है कि जब सेटिस परियोजना का पूरा खाका रेलवे की सहमति से तैयार किया गया है तो रेलवे को लाखों रुपया खर्च कर उस जगह पर एस्केलेटर लगाने की क्या जरूरत थी? रेलवे प्रशासन के कुप्रबंधन के चलते एस्केलेटर लगाने और उसे हटाने में जो लाखों रुपए खर्च हुए, उसका जिम्मेदार कौन है? यह सवाल आम यात्रियों द्वारा पूछा जा रहा है।
ऐतिहासिक ठाणे रेलवे स्टेशन का कायापलट करने का प्रयास रेलवे प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। भीड़भाड़ के दौरान वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों, दिव्यांगो तथा महिलाओं के लिए एस्केलेटर्स अधिक उपयोगी साबित हो रहे हैं, बावजूद इसके एक गलत जगह पर लगाए गए एस्केलेटर को हटाने का काम रेलवे प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ठाणे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नं.-१० पर फूड प्लाजा के बगल में २०१८-१९ में एक एस्केलेटर लगाया गया था। लाखों रुपए खर्च कर निर्मित इस एस्केलेटर का उपयोग बड़ी संख्या में यात्रीगण कर रहे थे। अब इस एस्केलेटर को हटाने का काम शुरू किया गया है। ठाणे-पूर्व में सेटिस परियोजना का काम पिछले दो वर्षों से शुरू है।
सेटिस परियोजना के आड़े आनेवाले हर तरह के निर्माण को हटाने का काम किया जा रहा है। ४ वर्ष पूर्व लगे एस्केलेटर के हटाने को लेकर यात्रियों में गहरा आक्रोश है। इस संबंध में यात्री आनंद कोली का कहना है कि सेटिस परियोजना की जानकारी जब रेलवे प्रशासन के पास थी तो उस जगह पर एस्केलेटर लगाने की जरूरत क्या थी?
यह आम लोगों के पैसों की बर्बादी है। ठाणे स्टेशन के आसपास यातायात समस्या को दूर करने के लिए आज से ७ वर्ष पूर्व रेलवे की सहमति से सेटिस परियोजना की शुरुआत की गई थी। ठाणे-पश्चिम में परियोजना का काम पूरा हो चुका है। ठाणे-पूर्व में यह परियोजना शुरू है। यह जानकारी सार्वजनिक है।
इसके बावजूद रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफॉर्म नं.-१० पर प्रशासन की मंजूरी मिलने के बाद एस्केलेटर लगाया गया था। उस समय सेटिस परियोजना के बारे में जानकारी नही थी। अब इसे दूसरी जगह स्थानांतरित करने का काम किया जा रहा है।