रामनवमी की पूर्व संध्या पर दो गुटों के बीच झड़प… पथराव, आगजनी और बमबाजी

महाराष्ट्र : रामनवमी की पूर्व संध्या पर अब छत्रपति संभाजीनगर के नाम से जाने जाने वाला महाराष्ट्र का औरंगाबाद शहर दो युवकों की मामूली कहासुनी के बाद भीषण हिंसा की चपेट में आ गया. प्राप्त प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक संभाजीनगर के किराडुरा में 29 और 30 मार्च की दरम्यानी रात राम मंदिर के बाहर दो युवकों में नोकझोंक से हिंसक संघर्ष की शुरुआत हुई. इसके बाद दो समुदाय के लोग आमने-सामने आए गए.

पथराव के बाद पुलिस वैन समेत सार्वजनिक और निजी वाहनों में आगजनी के बाद बमबाजी की भी खबरें हैं. पुलिस ने मौके पर पहुंच दोनों समुदायों की ओर से एकत्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बलप्रयोग का सहारा लिया. गौरतलब है महाराष्ट्र की पूर्व उद्धव ठाकरे सरकार के औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर बदलने के बाद से दोनों समुदाय के बीच खाई और चौड़ी हो गई है.

महाराष्ट्र पुलिस ने गुरुवार को कहा कि छत्रपति संभाजीनगर के किराडपुरा इलाके में दो समूहों के बीच झड़प के दौरान कुछ पुलिस वैन और सार्वजनिक वाहनों में आग लगा दी गई. दो गुटों के बीच यह झड़प 29 और 30 मार्च की दरम्यानी रात को हुई थी. छत्रपति संभाजीनगर के पुलिस आयुक्त (सीपी) निखिल गुप्ता के मुताबिक झड़प के दौरान पथराव भी हुआ.

उन्होंने बताया, ‘पथराव किया गया और कुछ निजी और पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई. पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और अब स्थिति शांतिपूर्ण है.’ उन्होंने आगे कहा कि पुलिस बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

बताते हैं कि पुलिस की समझाइश के बावजूद दोनों समुदायों के पथराव, आगजनी कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस को भारी बल प्रयोग करना पड़ा. पहले तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसु गैंस के गोले दागे. उसके बाद भी भीड़ के न हटने पर लाठियां पटक भीड़ को दौड़ाया.

सूत्रों के मुताबिक वाहनों की आगन को बुझाने के लिए कई स्टेशनों से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलानी पड़ी. हालांकि कुछ सूत्र बमबाजी की भी बात कह रहे हैं. फिलहाल इलाके में तनावपूर्ण शांति छाई हुई और मौके और भारी पुलिस बल तैनात है.

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