पालघर में चाइनीज से शिमला मिर्च गायब हो जाएगी… साथ ही पावभाजी का स्वाद भी गड़बड़ाएगा!

पालघर : शहरों से लेकर गांवों के लोगों चाइनीज फूड्स बड़े ही चाव से खाते हैं। इसके अलावा पावभाजी को भी लोग पसंद करते हैं। इन दोनों के स्वाद में शिमला मिर्च चार चांद लगा देती है। अब चाइनीज से शिमला मिर्च गायब हो जाएगी, साथ ही पावभाजी का स्वाद भी गड़बड़ाएगा।

दरअसल, पालघर जिले में इन दिनों हरा सोना कही जाने वाली हरी मिर्च और शिमला मिर्च की फसल पर ब्लैक थ्रिप्स कीट के अटैक से शिमला मिर्च बेजार हो गई है। इससे फसल चौपट हो गई है, जिससे किसानोें का करोड़ों का नुकसान हुआ है लेकिन अब तक इसका कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। इसके बावजूद किसानोें की तरफ सरकार का ध्यान नहीं दे रही है।
किसानों का कहना है कि पांच-छह साल पहले बहुत कम कीड़े लगते थे।

इस पर नियंत्रण न होने के पीछे नकली कीटनाशक बड़ी वजह बताई जा रही है। इसकी वजह से किसानों ने पैसा भी लगाया और कीट पर नियंत्रण भी नहीं हुआ। पालघर, डहाणू, वानगांव, विक्रमगढ़, तलासरी और बोर्डी में हजारों एकड़ में मिर्च की खेती थ्रिप्स नामक कीड़े के अटैक से प्रभावित है।

किसान नेताओं का कहना है कि अब तक सरकार की ओर से किसानों को हो रहे नुकसान के आकलन की कोई पहल नही हुई है, जबकि करीब दस हजार एकड़ में किसान हरी और शिमला मिर्च की खेती करते हैं। रोग के कारण बड़े पैमाने पर फसल बर्बाद हो रही है। किसानों को अब फसल से मुनाफा तो निकलने से रहा लागत मूल्य भी नसीब होता नजर नहीं आ रहा है।

शिमला मिर्च की खेती करने वाले स्वामीनाथ चौबे बताते है, कि किसानों को कुछ दुकानदार नकली और सस्ता कीटनाशक देकर गुमराह करते हैं। असली कीटनाशक बिल पर मिलता है, उसमें १८ फीसदी जीएसटी लगती है। इसकी वजह से वो महंगा पड़ता है। ऐसे में इसका प्रकोप बढ़ता गया। कीटनाशक पर लगने वाली जीएसटी जब तक १८ फीसदी से कम नहीं होगी, तब तक किसान उसे बिल पर नहीं खरीदेंगे। वे सस्ता के चक्कर में नकली के शिकार हो जाते हैं इसलिए इस पर से जीएसटी कम करने की जरूरत है।

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