असम के मुख्यमंत्री ने भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग का किया दावा…
मुंबई : असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा ने दावा किया है कि भगवान शंकर का छठा ज्योतिर्लिंग असम के डाकिनी पहाड़ में स्थित है। भाजपा के इस अजब-गजब शोध को लेकर शिव भक्तों में नाराजगी फैल गई है। विपक्ष ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। असम सरकार की ओर से कई अखबारों में विज्ञापन दिया गया है, जिसके माध्यम से शिवरात्रि के दिन गुवाहाटी के डाकिनी पहाड़ के खूबसूरत परिवेश में स्थित श्री श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के लिए श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है।
असम सरकार की ओर से कहा गया है कि हिंदू शास्त्रों के अनुसार ज्योतिर्लिंग वह स्थान है, जहां भगवान शिव, अनंत प्रकाश के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। प्रत्येक ज्योतिर्लिंग का मुख्य प्रतीक स्वयंभू लिंग है, जो भगवान महादेव की अनंत प्रकृति का प्रतीक है। हिंदुस्थान के कुल १२ ज्योतिर्लिंगों को अत्यंत पवित्र और जागृत माना जाता है। महाराष्ट्र के श्री श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को गुवाहाटी में बताकर असम सरकार ने नई बहस छेड़ दी है।
कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने ट्विटर पर असम सरकार का विज्ञापन साझा करते हुए राज्य सरकार से अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की है। असम सरकार ने दावा किया है कि भीमा शंकर का छठा ज्योतिर्लिंग पुणे में नहीं, बल्कि असम में है। उद्योग ही नहीं अब भाजपा महाराष्ट्र से भगवान शंकर को भी छीनना चाहती है। भाजपा की असम सरकार के इस दावे की हम सार्वजनिक तौर पर निंदा करते हैं।
सावंत ने आगे कहा कि ‘शिंदे-फडणवीस’ सरकार को तुरंत अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और असम में भाजपा सरकार के इस निंदनीय कृत्य की निंदा करनी चाहिए। भाजपा ने न केवल महाराष्ट्र के १२ करोड़ लोगों, बल्कि सभी देशवासियों की आस्था और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। महाराष्ट्र को लेकर भाजपा की नजर लगातार देखी जा रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित कई हिंदू संगठनों ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।