मुंबई में नालों की सफाई के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा… रोबोटिक मल्टिपर्पज एक्स्क्वेटर मशीन का इस्तेमाल
मुंबई : बीएमसी मुंबई में खुले नालों की सफाई के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लेगी। इसके लिए रोबोटिक मल्टिपर्पज एक्स्क्वेटर मशीन का इस्तेमाल करेगी। इस आधुनिक रोबोटिक मशीन पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि मॉनसून के दौरान पानी की तेजी से निकासी के लिए पानी की लाइन और बड़े नाले हैं।
बीएमसी के सभी विभाग कार्यालयों की मांग के अनुसार बरसात के पानी की निकासी वाली लाइनों को साफ-सफाई के लिए विभिन्न प्रकार के संयंत्र उपलब्ध कराए जाते हैं। मुंबई शहर, पश्चिम उपनगर और पूर्वी उपनगर में कई खुले नाले हैं, जिसमें से कचरा, सामान, प्लास्टिक व अन्य वस्तुएं रहती हैं। इन सब की बारिश से पूर्व साफ-सफाई कराई जाती है। विदेश में निर्मित एक रोबोटिक मल्टिपर्पज एक्स्क्वेटर मशीन का इस्तेमाल खुले नालों की साफ-सफाई के लिए किया जाता है। प्रमुख नालों की सफाई के लिए यह बहुउद्देश्यीय उत्खनन मशीन है।
यह रोबोटिक मशीन आधुनिक तकनीक से लैस है। बीएमसी ने इसकी मरम्मत कराने का फैसला किया है। साथ ही, इसके अगले चार साल तक मरम्मत और देखभाल का जिम्मा भी ठेका लेने वाली कंपनी को दिया जा रहा है। मशीन आने के बाद नालों की सफाई में तेजी आने की बात कही जा रही है।
यह रोबोटिक मल्टिपर्पज एक्स्क्वेटर तीन मशीनों के रूप में काम करता है, जिसमें जेसीबी, पोकलेन और ड्रेजर शामिल होता है। इसके एक कॉकपिट में एक व्यक्ति बैठकर मशीन को नियंत्रित करता है। यह मशीन सारा काम संभाल लेती है, इसलिए गाद (नाले का सॉलिड वेस्ट) को उठाकर नालों के किनारों पर डालने के लिए क्रेन की भी जरूरत नहीं पड़ती। इसका उपयोग भारी सामान उठाने, सड़कों की खुदाई करने और यहां तक कि पेड़ों को काटने के लिए भी किया जा सकता है। यह इतना तेज है कि इसे संचालित करने से पहले कोई व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
बीएमसी ने नालों की सफाई के लिए 180 करोड़ रुपये के 6 टेंडर जारी किए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 30 करोड़ रुपये ज्यादा है। बीएमसी ने पिछले साल नालों की सफाई के लिए 150 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था। इस साल बीएमसी ने बारिश से पहले 80 प्रतिशत नालों की सफाई का लक्ष्य रखा है। ठेकेदार मुंबई के छोटे से लेकर बड़ा नाला, स्ट्रॉम वॉटर ड्रेनेज लाइन की सफाई का काम करेंगे, जिससे मुंबई में पानी न लगने पाए।
मॉनसून के दौरान समुद्र में हाइटाइड आने के कारण मुंबई के अधिकांश हिस्सों में स्ट्रॉम वॉटर ड्रेनेज लाइन से पानी निकासी प्रभावित होती है। खासकर निचले हिस्सों में जलजमाव हो जाता है। इस समस्या से बचने के लिए बीएमसी हरसाल सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च कर नालों की सफाई कराती है। लेकिन, समय से नालों की सफाई नहीं हो पाती और उनसे निकलने वाले कचरे भी नहीं हटाए जाते, इसलिए भारी बारिश के समय जगह-जगह बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।