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योगी सरकार ने यूपी के तीन और जिलों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद में भी पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. अब यूपी के कुल सात शहरों में यह प्रणाली लागू हो गई है.
बस टर्मिनल को PPP मॉडल पर विकसित करने के प्रस्ताव को मिल सकती है मंजूरी (फाइल फोटो) यूपी में अब आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई है. सीएम योगी के सरकारी आवास पर शुक्रवार सुबह 10 बजे हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. अभी यूपी के चार जिलों लखनऊ, कानपुर, गौतमबुद्ध नगर और वाराणसी में कमिश्नरेट प्रणाली लागू है. वैसे इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति पहले ही बन गई थी. सीएम योगी ने इसे स्वीकृति दे दी थी. इसे बस आधिकारिक रूप से मंजूरी दी गई है. 13 जनवरी 2020 को यूपी में सबसे पहले लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी. लखनऊ में सुजीत पांडे और नोएडा में आलोक सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया था. इसके बाद 26 मार्च 2021 को दूसरे चरण में कानपुर और वाराणसी में यह सिस्टम लागू किया गया. कानपुर में विजय सिंह मीणा और वाराणसी में ए सतीश गणेश पुलिस कमिश्नर बनाए गए थे. अब योगी सरकार ने तीसरे चरण में तीन और शहरों में यह प्रणाली लागू करने का फैसला किया.पुलिस विभाग को लेकर ये फैसले सरकार ने यूपी पुलिस के रेस्पॉन्स टाइम-गति बढ़ाने के लिए फैसला लिया है. यूपी पुलिस के लिए नए वाहन खरीदने का प्रस्ताव पास किया गया है, जिससे गाड़ियों की स्पीड तेज हो सके. इसके अलावा भारत सरकार द्वारा प्रसारित मॉडल फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल, 2019 को अंगीकृत किए जाने के लिए (उत्तर प्रदेश फायर एंड इमरजेंसी सर्विस अध्यादेश-2022) को अनुमोदन कराए जाने के संबंध में फैसला हुआ था. जनपद रामपुर में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के अंतर्गत, स्पॉट पुलिस कमांडो हब स्थापित करने के लिए निशुल्क भूमि आवंटित किए जाने का प्रस्ताव पास हुआ था. इसके अलावा सहारनपुर में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के स्पॉट कमांडो ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने के लिए फ्री में भूमि सिंचाई विभाग से आवंटित किए जाने के संबंध में फैसला हुआ.16 नवंबर को 24 प्रस्तावों पर लगी थी मुहर योगी सरकार की पिछले कैबिनेट बैठक 16 नवंबर को हुई थी. इसमें कुल 24 प्रस्तावों पर मुहर लगी थी. बैठक में प्रदेश में नई सोलर नीति को लेकर फैसला किया गया था. आने वाले 5 साल में 22,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. इसके साथ ही सभी नगर निगम सोलर सिटी के तौर पर विकसित होंगे. इसमें अयोध्या समेत सभी नगर निगम शामिल हैं. इसके तहत किसान अपनी ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगाना चाहते हैं उनको 90% की छूट दी जाएगी. अनुसूचित जाति के किसानों को ऐसा करने पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. – इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पर्टयन की एक्टिविटीज को बढ़ाने के लिए हेरिटेज होटल, स्टाफ होटल, हेरिटेज होमस्टे जैसी जगहों को विकसित किया जाएगा. वहीं इको टूरिज्म की नई इकाई बनेगी. – उ.प्र. निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 के अंतर्गत गाजियाबाद में HRIT विश्वविद्यालय, महावीर यूनिवर्सिटी मेरठ की स्थापना का फैसला हुआ है. – संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ (एसजीपीजीआईएमएस) के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में 12 अतिरिक्त बेड के विस्तारीकरण प्रायोजना की लागत एवं उच्च विशिष्टियों को अनुमोदित किए जाने के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ. – हाई कोर्ट में न्यायिक कार्यों के सुगम और सुचारू रूप से संचालन के लिए माननीय न्यायमूर्तिगण के सहायतार्थ सृजित 135 लॉ क्लर्क (ट्रेनी) के पदों के सापेक्ष कार्यरत लॉ क्लर्क (ट्रेनी) का कार्यकाल एक साल के स्थान पर अधिकतम दो वर्ष किए जाने के प्रस्ताव की मंजूरी मिली. – आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकि एवं सूचना प्रौद्योगिकी सेवा नीति 2023 निर्गत किए जाने के संबंध में फैसला हुआ. उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.
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