Vikram-S ने भरी उड़ान, ISRO ने भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट किया लॉन्च

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने देश के पहले निजी रॉकेट विक्रम-एस (Vikram-S) को श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया है. (फोटो ANI)

Vikram-S Rocket: भारत का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट विक्रम-एस, आज चेन्नई से लगभग 115 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है. यह रॉकेट दशकों से राज्य द्वारा संचालित इसरो के प्रभुत्व वाले देश के अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र के प्रवेश को चिह्नित करता है.

हाइलाइट्स

ISRO ने देश के पहले निजी रॉकेट विक्रम-एस को श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया है.
इस रॉकेट को स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा बनाया गया है.
इसका नाम भारत के प्रमुख वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया था.

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने देश के पहले निजी रॉकेट विक्रम-एस (Vikram-S) को श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया है. इस रॉकेट को स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा बनाया गया है. इसका नाम भारत के प्रमुख वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया था. इसकी लॉन्चिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे. स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है, जिसमें तीन उपभोक्ता पेलोड हैं. ANI के अनुसार केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह वास्तव में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की यात्रा की एक नई शुरुआत, एक नई सुबह और एक नई पहल है. यह भारत के लिए अपने स्वयं के रॉकेट विकसित करने और भारत के स्टार्टअप आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है.

INSPACe के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने इस रॉकेट के लॉन्च होने पर कहा कि मिशन प्रारंभ के सफल समापन की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है. यह स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरुआत है. मालूम हो कि इस रॉकेट का वजन करीब 545 किलोग्राम है.

वहीं रॉकेट को विकसित करने वाले स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने एक ट्वीट में इसके सफल लॉन्च की घोषणा की. स्काईरूट ने ट्वीट में लिखा, लॉन्च हो गया! विक्रम-एस ने आसमान की शोभा बढ़ाने वाले भारत के पहले निजी रॉकेट के रूप में इतिहास रच दिया है. इस महत्वपूर्ण अवसर के लिए हमारे साथ रहने के लिए हम आप सभी का धन्यवाद करते हैं.

यह मिशन स्काईरूट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है. क्योंकि यह उन 80 प्रतिशत तकनीकों को मान्यता दिला चुका है, जिनका उपयोग विक्रम-1 कक्षीय वाहन में किया गया है. स्काईरूट कंपनी और इसरो के बीच रॉकेट लांचिंग को लेकर एमओयू साइन हुआ था. वहीं विक्रम एस रॉकेट के साथ तीन पेलोड्स भी है जिसमें एक विदेशी ग्राहक का है.

Leave a Reply

Your email address will not be published.