पोलैंड में किसकी मिसाइल गिरी? बाइडेन-जेलेंस्की और पोलैंड के राष्ट्रपति के बयान में विरोधाभास, रूस को लेकर गहराया सस्पेंस

पोलैंड में गिरी मिसाइल को लेकर सबके अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं. पोलैंड, अमेरिका और नाटो का कहना है कि इस बात की संभावना नहीं है कि ये मिसाइल रूस की ओर से आई हो. वहीं, यूक्रेन का कहना है कि ये मिसाइल जानबूझकर रूस की ओर से दागी गई है.

बाइडेन ने कहा कि हो सकता है कि मिसाइल रूस से न आई हो, वहीं जेलेंस्की ने कहा मिसाइल रूस ने दागी थी. (फाइल फोटो-AP/PTI)
पोलैंड पर मिसाइल किसने गिराई? रूस ने या यूक्रेन ने? ये गलती से चली या फिर जानबूझकर? सबके अलग-अलग दावे हैं. 
रूस कह रहा है कि जो मिसाइल गिरी, वो यूक्रेनी वायुसेना ने चलाई थी. यूक्रेन का कहना है कि पोलैंड पर रूस ने मिसाइल गिराई. वहीं, पोलैंड का कहना है कि हो सकता है कि मिसाइल गलती से चली हो. अमेरिका का भी कहना है कि हो सकता है कि जो मिसाइल गिरी है, वो रूस से न आई हो.
दरअसल, पोलैंड ने बुधवार को दावा किया था कि रूस की बनी एक मिसाइल उनकी सीमा के 6 किलोमीटर के अंदर आकर गिरी है. इस मिसाइल हमले में दो लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है.
इस मिसाइल हमले के बाद तनाव बढ़ गया था. क्योंकि पोलैंड सैन्य संगठन NATO का सदस्य है. माना जा रहा था कि ये मिसाइल रूस ने गिराई है. लेकिन अब अमेरिका, यूक्रेन, पोलैंड और नाटो के अलग-अलग बयानों से सस्पेंस बढ़ गया है कि आखिर ये मिसाइल गिराई किसने?

पोलैंड ने क्या कहा?

पोलैंड और नाटो ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि जो मिसाइल गिरी है, वो हो सकता है कि यूक्रेन के एयर डिफेंस से भटकी हुई मिसाइल हो. 
नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि इसमें यूक्रेन की गलती नहीं है. आखिरकार इसके लिए रूस ही जिम्मेदार है क्योंकि वो अभी भी यूक्रेन के खिलाफ अवैध जंग लड़ रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि इस बात की संभावना भी है कि ये मिसाइल यूक्रेनी एयर डिफेंस से आई हो.
पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रे डुडा का कहना है कि जो मिसाइल गिरी है वो सोवियत संघ में बनी S-300 है. ये बहुत पुरानी मिसाइल है और इस बात के सबूत नहीं है कि इसे रूस की ओर से दागा गया था. उन्होंने भी कहा कि हो सकता है कि हमले का जवाब देने के लिए इसे यूक्रेनी एयर डिफेंस ने चलाया हो.

यूक्रेन का क्या है कहना?

यूक्रेन ने पोलैंड पर मिसाइल गिराने के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक बार फिर रूस को ‘आतंरी राष्ट्र’ कहा. 
जेलेंस्की ने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि रूस का आतंक हमारी सीमाओं तक सीमित नहीं है. रूस जब तक निडर महसूस करेगा, तब तक उन सभी को खतरा है जहां तक रूस की मिसाइलें पहुंच सकती हैं.
उन्होंने कहा कि रूस हमें और उन सभी को आतंकित करता है, जहां तक वो पहुंच सकता है. इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

अमेरिका ने क्या कहा?

पोलैंड, नाटो और अमेरिका का कहना है कि हो सकता है कि यूक्रेनी एयर डिफेंस सिस्टम ने रूसी मिसाइल को निशाना बनाया हो और वो पोलैंड में जा गिरी हो.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी यही कहा कि ये संभव है कि मिसाइल रूस से न आई हो. हालांकि, उन्होंने पोलैंड की जांच का समर्थन करने का वादा किया.
पोलैंड पर हमले के बाद बाइडेन ने तुरंत G-7 और नाटो की मीटिंग बुलाई थी. जिस समय पोलैंड पर मिसाइल गिरी, उस समय इंडोनेशिया के बाली में G-20 समिट हो रही थी. यहीं होटल में ये मीटिंग बुलाई गई. इस मीटिंग में अमेरिका के अलावा कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान, यूके, यूरोपियन यूनियन, स्पेन और नीदरलैंड्स के राष्ट्रप्रमुख मौजूद थे.
बाइडेन ने कहा कि शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि इस बात की संभावना है कि ये मिसाइल रूस से न आई हो, लेकिन फिर भी हम इसे देखेंगे.
तीन अमेरिकी अधिकारियों ने भी न्यूज एजेंसी को बताया कि मंगलवार को रूसी सेना ने यूक्रेन के इलेक्ट्रिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ताबड़तोड़ मिसाइलें गिराई थीं और हो सकता है कि इसका जवाब देने के लिए यूक्रेन ने मिसाइल चलाई हो और वो गलती से पोलैंड में आ गिरी हो.
बाइडेन ने कहा कि पहले हमें ये पता चल जाए कि असल में हुआ क्या था. उसके आधार पर हम अपना अलग कदम उठाएंगे.

रूस ने क्या दिया जवाब?

रूस ने इस मिसाइल हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है. रूस ने भी यही कहा कि पोलैंड पर जो मिसाइल गिरी, वो यूक्रेन की ओर से चलाई गई थी.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यूक्रेन के आरोपों को खारिज कर दिया है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने इसे जंग को और भड़काने के लिए जानबूझकर किया गया हमला बताया है.

यूक्रेन पर शक क्यों?

1991 तक यूक्रेन सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था. दिसंबर 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद यूक्रेन अलग देश बना. अलग होने के बाद सोवियत संघ में बने कई सारे हथियार यूक्रेन के पास भी गए.


न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यूक्रेन के पास अभी भी कई सोवियत और रूस की बने हथियार हैं, जिनमें S-300 मिसाइल भी शामिल हैं.
यही वजह है कि इसे यूक्रेन की ही गलती माना जा रहा है. संभावना यही जताई जा रही है कि यूक्रेनी सेना ने रूसी हमलों का जवाब देने के लिए मिसाइल चलाई और वो गलती से पोलैंड में जा गिरी.
 

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