भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना रूस:
डॉन का दावा- USA का प्रतिबंध नहीं
पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की खबर के मुताबिक USA के प्रवक्ता ने बताया, अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया है। उम्मीद है कि ये देश अपनी परिस्थितियों के आधार पर सही डिसीजन लेंगे। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की ताकत को कम करने के लिए हम भारत समेत यूरोपीय देशों के साथ बातचीत करते रहेंगे। बता दें कि यूक्रेन युद्ध से पहले, दिसंबर 2021 में रोजाना रूस ने भारत को केवल 36 हजार 255 बैरल कच्चा तेल एक्सपोर्ट किया। इराक ने 1 लाख 05 हजार मिलियन बीपीडी और सऊदी अरब ने 952,625 का सप्लाई किया था।
पश्चिमी देशों के विरोध का भारत को फायदा मिला
भारत अपनी 85 फीसदी पेट्रोलियम जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे देशों पर डिपेंड है। जब पश्चिम देशों ने रूस के कच्चे तेल की सप्लाई को रोकने की कोशिश की। जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतों में उछाल आया और रूस की इकोनॉमिक्स गड़बड़ाने लगी।
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रूस के विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर:बोले- यूक्रेन युद्ध हमारे लिए बड़ा मुद्दा
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आज रूस के मॉस्को में मुलाकात की।
यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार रूस की यात्रा पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध भारत के लिए एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। भारत जोर देकर इस बात को दोहराता है कि दोनों देशों को बातचीत के रास्ते पर लौटना चाहिए। यहां उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव मुलाकात की।
क्रूड पर नहीं बदलेगी नीति:रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखेगा भारत
जब पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाया तब भारत रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदना जारी रखा। रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारत के लिए सस्ते तेल आयात का बड़ा मौका उपलब्ध कराया। भारत की रूस से क्रूड ऑयल की खरीद पर अमेरिका को दिक्कत हुई लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में नीति नहीं बदली।