‘फडणवीस ने नहीं, दिल्ली ने कराई महाराष्ट्र में बगावत’ : संजय रावत बोले- यही असली भूकंप है

सामना में कहा गया, ” उद्धव ठाकरे ढाई साल मुख्यमंत्री बने और अब बागी शिवसैनिक शिंदे को यह पद बीजेपी हाईकमान ने दिया है. काल द्वारा फडणवीस से लिया गया यह बदला है.”

महाराष्ट्र में भूकंप आया और ऐसा भूकंप राजनीति में कभी आया ही नहीं.

महाराष्ट्र में शिवासेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई. बीजेपी से हाथ मिला कर बागी नेता एकनाथ शिंदे राज्य के नए मुख्यमंत्री बन गए. जबकि बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी मिली. इधर, सत्ता पलट के बाद शिवसेना शिंदे गुट और बीजेपी पर हमलावर है. साथ ही पार्टी द्वारा राज्यपाल पर भी नाइंसाफी करने का आरोप लगाया गया है. पार्टी के मुखपत्र सामना में सीधे तौर पर बीजेपी आलाकमान को महाराष्ट्र में सत्ता पलट का जिम्मेवार ठहराया है. पार्टी का कहना है कि फडणवीस नहीं, महाराष्ट्र में बगावत की पटकथा सीधे दिल्ली के सूत्रों ने लिखी है. 

‘बगावत सीधे दिल्ली के सूत्रों द्वारा कराई गई’

सामना में कहा गया है, ” महाराष्ट्र में भूकंप आया और ऐसा भूकंप राजनीति में कभी आया ही नहीं. ऐसा वर्णन एकनाथ शिंदे की बगावत को लेकर किया गया. लेकिन उस बगावत से बड़ा भुकंप बीते दो दिनों में हुआ. शिंदे की बगावत के पीछे चाणक्य कहकर संपूर्ण मीडिया देवेंद्र फडणवीस को श्रेय दे रहा था. लेकिन ये बगावत सीधे दिल्ली के सूत्रों द्वारा कराई गई. महाराष्ट्र की बीजेपी इस बारे में पूरी तरह से अंधेरे में थी. एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे, ऐसा जो कह रहे थे, वे बाद में धराशायी हो गए. “


पार्टी मुखपत्र में कहा गया, ” एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे के हाथों को बल दिया. फडणवीस के लिए यह झटका है. महाराष्ट्र बीजेपी का एकतरफा नेतृत्व शिंदे के हाथ में था. लेकिन अमित शाह से फडणवीस के संबंध अच्छे नहीं हैं. ‘मुझे उपमुख्यमंत्री का पद नहीं चाहिए. चंद्रकात पाटील को वह दो मुझे बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष बनाओ’ उनका ऐसा निवेदन आखिरी क्षणों में ठुकरा दिया गया. किसी समय अपने ही जूनियर मंत्री रहे शिंदे के मातहत काम करने की नौबत फडणवीस पर आई. यह उनके कर्मों का फल है.”
 
लोग उनके सत्ता त्यागने से दहल उठे

सामना में कहा गया, ” 2019 में सत्ता का 50-50 का फॉर्मूला उन्होंने ठुकरा दिया. महाविकास आघाड़ी की सरकार इसी वजह से बनी. उद्धव ठाकरे ढाई साल मुख्यमंत्री बने और अब बागी शिवसैनिक शिंदे को यह पद बीजेपी हाईकमान ने दिया है. काल द्वारा फडणवीस से लिया गया यह बदला है. महाराष्ट्र की राजनीति में अब आदर्श नहीं रहा है. उसकी खिचड़ी बन गई है. फिलहाल नया राज आया है. इसे जिसने लाया है, वो सुखी रहें. उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री का छोड़ा, लेकिन राज्य के लोग उनके सत्ता त्यागने से दहल उठे. ठाकरे ने यही कमाया है.” 

प्रवक्ता दीपक केसरकर पर निशाना साधा

बता दें कि पार्टी मुखपत्र में शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी के प्रति उनकी अचानक उमड़ी आत्मीयता समझने वाली बात है. साथ ही राज्यपाल पर भी आरोप लगाया गया. शिवसेना ने कहा कि जिन बागी विधायकों पर राज्यपाल को कार्रवाई करनी चाहिए थी. उन पर कार्रवाई ना करके उनके द्वारा मौजूदा सरकार को गिरा कर बनाई गई नई सरकार के गठन खुशी में वो मिठाई खा और खिला रहे थे. 

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