Air Pollution: मेलेज़्मा से लेकर स्किन कैंसर तक, जानें त्वचा को किस-किस तरह नुकसान पहुंचाता है प्रदूषण?

Air Pollution: प्रदूषित हवा लोगों के स्वास्थ्य को सांस की बीमारियों, हृदय संबंधी समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं के बढ़ते जोखिम में डालकर जीवन को बाधित कर रही है। लेकिन आंतरिक अंग ही शरीर के कमज़ोर हिस्से नहीं हैं। त्वचा, जो मानव शरीर के बाहर का हिस्सा, वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को सबसे ज़्यादा झेलना पड़ता है।

त्वचा को क्या-क्या नुकसान पहुंचाता है प्रदूषण?

फोटोएजिंग या वक्त से पहले बुढ़ापा: यूवी रेडिएशन के सपंर्क में आने से त्वचा को ऐसा नुकसान पहुंचता है, जिसे ठीक नहीं किया जा सकता। इससे त्वचा पर वक्त से पहले झुर्रियां आ जाती हैं।

त्वचा पर पिग्मेंटेशन या ब्राउन स्पॉट्स का बढ़ना: यातायात संबंधी प्रदूषण से निकलने वाले पार्टिकुलेट मैटर के कारण माथे और गालों पर भूरे धब्बे बढ़ जाते हैं।

एटोपिक डर्माटाइटिस या एक्ज़िमा: वायु प्रदूषण की वजह से स्किन पर जलन होना बहुत आम है। एक्ज़िमा त्वचा पर लाल, खुजलीदार पैच की तरह उभरता है, जो पर्यावरणीय तनाव और इनडोर प्रदूषकों की वजह से उत्पन्न होता है। यहां तक ​​कि खाना पकाने और सफाई करने से भी एक्ज़िमा की समस्या हो सकती है।

त्वचा का असमान रंग: यह यूवीए और यूवीबी एक्सपोजर और त्वचा के पार्टिकुलेट मैटर के संपर्क में आने के कारण होता है।

हाइव्ज़ या पित्ती: ये प्रदूषण से होने वाली एलर्जी के कारण होते हैं।

त्वचा पर जलन, पिंपल्स और सूजन: हवा में मौजूद प्रदूषक गंदगी और धूल के साथ मिलकर त्वचा में ब्रेकआउट, मुंहासे और सूजन को ट्रिगर करते हैं। वायु प्रदूषण त्वचा के पारिस्थितिकी तंत्र को बिगाड़ता है

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