पालघर में बढ़ी रिश्वतखोरी,जानिए कौसा है सबसे ज़्यादा भ्रष्ट विभाग
10 माह में 21 सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
वसई विरार सहित पालघर जिले में घूसखोरी के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे है। पिछले साल पालघर के रिश्वत रोकथाम विभाग ने छह लोगों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। 2021 में 10 महीनों में 13 जगहों से 21 लोक सेवकों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सबसे ज्यादा रिश्वत वसई विरार महानगर पालिका में रिश्वत लेते समय गिरफ्तार किया है। पिछले ढाई साल में पालघर रिश्वतखोरी रोकथाम विभाग ने 37 जगहों पर जाल विछाकर (छापा मारकर) 37 लोगों को गिरफ्तार किया था।
विभिन्न सरकारी कार्यालयों में नौकरियों के लिए रिश्वत की मांग बढ़ रही है। खास बात यह है कि कोरोना काल में लेन-देन ठप होने पर भी नागरिकों को परेशान करके रिश्वत की मांग की जा रही थी। 2020 में 4 मामलों में कुल 6 लोगों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इनमें वसई विरार महानगर पालिका के 2 लिपिक, एमएसईडीसीएल के 2 कर्मचारी और वन विभाग के 2 कर्मचारी शामिल थे। इस साल भी इसमें इजाफा हुआ है।
वर्ष 2021 के 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक के दस महीनों में 13 जगहों पर रिश्वतखोरी को पकड़ने के लिये जाल बिछाए गए। और इस मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें वसई विरार मनपा के 1 क्लर्क , 1 कनिष्ठ अभियंता और नगर नियोजन विभाग के 1 क्लर्क , सेवानिवृत्त पुस्तकालयाध्यक्ष, 1 पुलिस उपनिरीक्षक, 2 पुलिस कर्मी, 2 प्रधानाध्यापक, 2 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 1 राज्य कर अधिकारी, 2 चिकित्सा कर्मचारी शामिल हैं। रिश्वत रोकथाम विभाग की ओर से सबसे ज्यादा कार्रवाई वसई विरार महानगर पालिका के अतिक्रमण विभाग समेत अन्य विभागों में की गई है। मनपा अतिक्रमण विभाग के 5 एवं 3 क्लर्क सहित 8 अन्य, नगर नियोजन विभाग के तत्कालीन नगर नियोजन अधिकारी, 1 नगर नियोजन लिपिक (क्लर्क ), 1 दमकल अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है । इसके अलावा दो एमएसईडीसीएल और 9 भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है।