गुमनाम क्रांतिवीरों को इतिहास में उनकी जगह दिलाएगा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रकाशित होगी किताब

इतिहासकारों की कलम से अछूते रह गए स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम क्रांतिवीरों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इतिहास में उनकी जगह दिलाएगा। संघ की इस देशव्यापी मुहिम के तहत अवध प्रांत के जिलों से जुड़े ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में विभिन्न स्रोतों से तथ्य जुटाकर उसे किताब की शक्ल में प्रकाशित किया जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अवध प्रांत के सह प्रांत कार्यवाह संजय जी ने सोमवार को विश्व संवाद केंद्र में यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में संघ अवध प्रांत में आजादी का अमृत महोत्सव 19 नवंबर से 16 दिसंबर तक मनाएगा। 19 दिसंबर को महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती और 16 दिसंबर को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का विजय दिवस है। महीने भर चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन के ‘अनिर्दिष्ट वीरों’ और उनके कृत्यों की खोजबीन जारी रहेगी।

अमृत महोत्सव के तहत गांवों, नगरों और शिक्षण संस्थाओं में विचार गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। वन्देमातरम् गायन, तिरंगा यात्रा, नुक्कड़ नाटकों के जरिये लोगों को बलिदानी वीरों की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए अवध प्रांत के सभी जिलों में समितियां गठित कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाशोत्सव पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वयंसेवक उनके बलिदान को लेकर बड़े कार्यक्रम और वैचारिक गोष्ठियां आयोजित करेंगे।

संघ हिंसा का समर्थक नहीं : सह प्रांत कार्यवाह ने बताया कि बीती 28 से 30 अक्टूबर तक धारवाड़ में आयोजित हुई संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। इसी कड़ी में त्रिपुरा में मुस्लिमों पर हुए हमले के सवाल पर उन्होंने कहा कि संघ किसी के भी खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने माना कि रोहिंग्या मुसलमान देश के लिए बड़ी समस्या हैं लेकिन कहा कि सरकार और संघ दोनों इस विषय को लेकर जागरूक और सतर्क हैं।

संघ के विस्तार पर जोर : सह प्रांत कार्यवाह ने बताया कि वर्ष 2025 में आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के दृष्टिगत संघ के विस्तार पर भी जोर है। अवध प्रांत की 1819 न्याय पंचायतों में से 1065 में संघ की दैनिक और 754 में साप्ताहिक शाखाएं लग रही हैं। अवध प्रांत के 174 खंडों और 99 नगरों में भी शाखाओं के माध्यम से संघ की नियमित गतिविधियां जारी हैं।

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