मुम्बई के पास समुद्र है वर्ना दिल्ली से यहां अधिक प्रदूषण होता : SAFAR

एक बार फिर दिवाली के अवसर पर दिल्ली गैस चैम्बर बनी हुई है। वहां हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। अगर मुम्बई की बात करें तो इस दिवाली मुम्बई शांत ही रही। मतलब पटाखों का शोर कम ही रहा।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, मुंबई में हवा में प्रदूषण का स्तर यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) मध्यम स्तर का रहा हालांकि दो दिन से आसमान में बादल छाए रहने की वजह से हवा की गुणवत्ता प्रभावित हुई है।

कुछ दिनों पहले ‘सफर’ ने यह अनुमान लगाया गया था कि इस बार भी दिवाली की रात और अगले दिन दोपहर में मुंबई में हवा गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी तक पहुंच सकती है। यह उम्मीद की जा रही थी कि सबसे प्रदूषित क्षेत्र नवी मुंबई, बीकेसी और चेंबूर हो सकते हैं।

सफर के संस्थापक गुफरान बेग ने कहा कि मुम्बई में प्रदूषण की कमी का एक कारण समुद्र से आने वाली तेज गति से हवा भी है।

आमतौर पर दिवाली की रात में करीब 1 बजे के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। हालाँकि, मुंबई समुद्र के करीब है, और वहां से आने वाली तेज हवा का एक फायदा यह होता है कि प्रदूषण को हवा अपने साथ बहा ले जाती है।

इसके अलावा कुछ इलाकों में दिवाली के बाद, शहर में बूंदाबांदी हुई, जिससे प्रदूषण कस स्तर कम हो गया।

‘सफर’ के गुफरान बेग ने आगे यह भी कहते हैं कि, “मुम्बई लकी है कि उसके पास समुद्र है, अगर मुंबई के पास समुद्र तट नहीं होता, तो यहां एक्यूआई दिल्ली की तुलना में सबसे खराब होता।”

गौरतलब है कि, इस सप्ताह की शुरुआत से ही मुंबई का एक्यूआई खराब श्रेणी (201-300) में था। मध्यम AQI फेफड़ों और हृदय रोगों वाले लोगों और यहां तक कि बड़े लोगों और बच्चों को भी सांस लेने में तकलीफ का कारण बनता है।

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