बॉम्बे HC ने पवई झील में साइकिल ट्रैक के निर्माण से बीएमसी को रोका
सोमवार, 1 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट (एचसी) ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी)को गुरुवार, 18 नवंबर तक पवई झील की सीमा से सटे साइकिल ट्रैक के निर्माण पर रोक लगा दी । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (आईआईटी-बी) के छात्रों द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह वेटलैंड्स दिशानिर्देशों और नियमों का उल्लंघन करेगा। इससे झील से जुड़ी प्राकृतिक वनस्पतियों और जीव-जंतुओं में भी खलल पड़ेगा।
दूसरी ओर, नागरिक निकाय ने सभी दावों से इनकार कर दिया और कहा कि यह एक मानव निर्मित जलाशय है, इसलिए झील के आसपास का क्षेत्र वेटलैंड दिशानिर्देशों और नियमों के दायरे में नहीं आएगा।
यह जनहित याचिका ओंकार सुपेकर और अभिषेक त्रिपाठी ने दायर की है, जो आईआईटी-बी में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर हैं। अधिवक्ता राजमणि वर्मा ने न्यायमूर्ति एसजे कठवाला व एसपी तावड़े की खंडपीठ को बताया कि झील भारतीय मार्श मगरमच्छों का आवास है। उन्होंने कहा, साइकिल ट्रैक के निर्माण की अनुमति देने से मगरमच्छों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ।
इस बीच, अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से बीएमसी के दावे का पता लगाने के लिए कहा है और दोनों नागरिक निकाय और राज्य दोनों को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। अब जनहित याचिका की सुनवाई सोमवार 15 नवंबर को है।
कुछ दिन पहले खबर आई थी कि महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने बीएमसी से कहा था कि साइकिल ट्रैक प्रोजेक्ट के लिए शुरू से ही एक भी पेड़ न काटे या कोई प्राकृतिक परिवेश न बदले।