Covid-19 के साथ डेंगू की भी चपेट में पाकिस्तान, राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़ा जुटाने में नाकाम सरकार
पाकिस्तान कोरोना महामारी के साथ-साथ डेंगू की भी मार झेलने को मजबूर हो रहा है। हालांकि देश में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। देश में फिलहाल कोरोना संक्रमण के कुल मामले 1264384 हैं। वहीं अब तक 1209878 मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा देश में इसकी महामारी की वजह से 28269 मरीजों की अब तक मौत भी हो चुकी है। सरकार लगातार इस महामारी से जूझ रही है। वहीं अब सरकार के सामने डेंगू के बढ़ते मामले समस्या बन रहे हैं। इसके बावजूद डेंगू के राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़े जुटाने में सरकार पूरी तरह से नाकाम है।
देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर जानकार लगातार सरकार को आगाह कर रहे हैं। इनका कहना है कि देश में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और पंजाब में इसकी स्थिति बेहद खतरनाक हो रही है। यहां पर 500 लोग जांच के बाद पाजीटिव मिले हैं। इसके अलावा 18 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। बता दें कि वर्ष 2019 में पाकिस्तान में डेंगू ने भयानक रूप ले लिया था। उस वक्त यहां पर इसके 50 हजार से अधिक मामले सामने आए थे और 79 मरीजों की मौत भी हो गई थी। एक दशक बाद इसको लेकर पूरे इंतजाम किए गए थे। राष्ट्रीय स्तर पर इसके आंकड़े भी जुटाए गए थे। लेकिन इस बार इस तरह के कोई इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं।
सरकार का पूरा ध्यान फिलहाल कोरोना महामारी से निजात पाने पर है। यही वजह है कि डेंगू के बढ़ते मामलों की तरफ उसका कोई ध्यान ही नहीं गया है। डान अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर जनरल डाक्टर राणा सफ्दर से इस बारे में दरख्वास्त की गई थी कि वो डेंगू के राष्ट्रीय स्तर पर आ रहे मामलों का ब्यौरा तैयार कर इसको सभी प्रांतों को और मीडिया को उपलब्ध करवाएं। रिपोर्ट के मुताबिक डाक्टर राणा का पूरा ध्यान फिलहाल महामारी पर है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर जईम जिया का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय और नेशनल इंस्टिट्यूट आफ हैल्थ में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो इसके राष्ट्रीय स्तर पर आने वाले मामलों का लेखा-जोखा तैयार कर आंकड़ों को अपडेट करने का काम कर सके।
डेंगू को लेकर देश में बनी असमंजस की स्थिति पर नेशनल इंस्टिट्यूट आफ हैल्थ के अधिकारी का कहना है कि हम लोग पूरी तरह से सक्षम हैं, लेकिन इसकी शुरुआत स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से की जाएगी। अफसोस की बात है कि मंत्रालय की निगाह में ये काम प्राथमिकता पर नहीं है। अधिकारी ने ये भी कहा कि सरकार लगातार कह रही है कि वो महामारी से प्रभावशाली तरीके से निपट रही है। लेकिन इस बात में शक है कि बिना इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) की मदद से वो डेंगू के आंकड़े को तैयार कर सकती है।