कोयले की कमी और बिजली कटौती की चिंताओं के बीच अमित शाह ने बुलाई बड़ी बैठक

देशभर में कोयला की कमी को लेकर खबरें सुर्खियों में हैं। तमाम राज्यों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कोयला की आपूर्ति करने को कहा है। इन सब के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी एनटीपीसी के बड़े अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए गृह मंत्रालय पहुंचे हैं।

कोयले की अपर्याप्त सप्लाई के कारण देश के कई हिस्सों में बिजली की कमी की चिंताओं के बीच शाह की यह मुलाकात हुई है। कई राज्यों ने ब्लैकआउट की चेतावनी दी है। हालांकि केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि भारत के पास अपने बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला भंडार है। 

बता दें कि तमाम तरह की अटकलों के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ शब्दों में कहा कि देश में ना बिजली की कमी थी, न है और न होगी। हालांकि, उन्होंने भी यह स्वीकार किया कि पहले बिजली उत्पादन कंपनियों के पास 17 दिनों का कोयला भंडार हुआ करता था जो घटकर 4 दिनों का रह गया।

वहीं देशभर में कोयले की आपूर्ति में कमी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जितनी बिहार की ज़रूरत है उस हिसाब से या तो हमें एनटीपीसी से मिलता है या फिर प्राइवेट कंपनियों से लेते थे। इन कंपनियों से जितनी आपूर्ति का प्रावधान था, वह नहीं हो पा रही है। इसके चलते समस्या आई है।

इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ दावा करती है कि कोयले की कोई कमी नहीं है, दूसरी तरफ पॉवर प्लांट लगातार बंद होते जा रहे हैं। केंद्र सरकार जो दावा कर रही है उसमें कोई सच्चाई नहीं है। विदेश से जो कोयला आ रहा था वो भी बंद हो गया। केंद्र सरकार कर क्या रही है?

वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, देशभर में कोयले की आपूर्ति में कमी परहम केंद्र के साथ मिलकर पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम नहीं चाहते किसी भी तरह की आपात स्थिति पैदा हो। इस समय पूरे देश में स्थिति काफी नाज़ुक है। कई मुख्यमंत्री इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र लिख चुके हैं।

जानें- संकट टालने के लिए क्या हो रहा है उपाय

बता दें कि कोयल इंडिया लिमिटेड इस महीने की शुरुआत में हर दिन 14 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर रही थी जो 7 अक्टूबर से हर दिन 15 लाख टन की आपूर्ति का लक्ष्य पूरा करने में जुटी है। कोल इंडिया लिमिटेड और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड कोयला उत्पादन बढ़ाने में जुटी हैं। इसके अलावा, सरकार कुछ और कोयला खादानों में उत्पादन बहाल करना चाह रही है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय कीमत में रिकॉर्ड इजाफे के बावजूद विदेशों से कोयला आयात करने का निर्णय किया गया है। 

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