मनीष हत्याकांड : रात में 12 बजे से तीन बजे के बीच होटलों को निशाना बनाते थे आरोपित इंस्पेक्टर व चौकी इंचार्ज
गोरखपुर घूमने आए कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता को मौत को घाट उतारने के आरोपित रामगढ ताल थाने के इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज अपने इलाके के होटलों में वसूली के लिए रात में 12 बजे से तीन बजे के बीच पहुंचते थे। होटल मैनेजर से बाहर से आए यात्रियों के बारे में जानकारी करते थे और सीधे उस कमरे में पहुंचते थे, जिसमें वह यात्री ठहरा होता था। होटल कृष्णा पैलेस, जिसमें मनीष गुप्ता रुके थे, घटना से पहले उस होटल में भी जगत नारायण चार बार रात में छापेमारी कर चुके थे। इसकी पुष्टि होटल संचालक सुभाष शुक्ला ने भी की है। घटना की रात भी पुलिस वाले होटल में 12 बजे के बाद ही पहुंचे थे।
होटल संचालक ने पुलिस पर लगाया उत्पीडन का आरोप
होटल संचालक सुभाष शुक्ला ने पुलिस पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। 27 सितंबर के पहले भी पुलिस चार बार रात में वहां जांच के लिए जा चुकी थी। तब भी समय रात 12 से तीन बजे के बीच का ही था। रामगढ़ताल थाना की पुलिस दबिश के लिए ऐसा ही समय क्यों चुनती है, वह भी तब जब वहां से अभी तक कोई अपराधी नहीं पकड़ा गया, एसआइटी ने इसे भी जांच में शामिल किया है।
होटल मालिक ने क्यों नहीं की जांच, होगी जांच
एसआइटी इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि पुलिस चार बार आधी रात को होटल में जांच कर चुकी है, लेकिन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाले होटल मालिक ने एक बार भी वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी।
एसआइटी जांच में शामिल अहम सवाल
-पुलिस टीम रात में होटल क्यों पहुंची, वह भी मनीष के दोस्तों के जाने के बाद
-कमरा नंबर 512 में ही क्यों गई पुलिस, मनीष के पास मौजूद डेढ़ लाख रुपये और अंगूठी कहां हैै
-अगर वसूली का खेल है तो किसने और कहां किया फोन, होटल के नंबर से फोन गया या मोबाइल से
-अगर मनीष गिरे थे तो उनके शरीर पर एक से अधिक चोटें क्यों, मनीष के कमरे का खून किसने साफ किया
-मेडिकल कालेज के पर्चे पर ब्राट डेड और इलाज के बाद मृत्यु, दोनों बाते क्यों लिखी हैैं, मानसी अस्पताल से मेडिकल कालेज के बीच डेढ़ घंटे कहां रही पुलिस
-वसूली के खेल में होटल का कर्मचारी शामिल नहीं है तो पुलिस ने कर्मचारी से पत्र कैसे लिखवाया, दबाव दिया गया या कोई अन्य कारण था
-दारोगा अजय की मौजूदगी क्यों छिपाई गई, उस समय ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के असलहे कहां हैं
-क्या रात में घटना की सूचना किसी अधिकारी को दी गई, अगर दी गई तो कब और किसे। अधिकारियों ने इस पर क्या एक्शन लिया