‘मैं मेकअप में ही लूं अंतिम सांस…’ नट्टू काका की ये आखिरी ख्वाहिश रुला देगी आपको
देश के सबसे पॉपुलर कॉमेडी शो में से एक तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के प्यारे ‘नट्टू काका’ घनश्याम नायक हमारे बीच अब नहीं रहे। घनश्याम नायक पिछले कुछ महीनों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे।बीते साथ उनके गले की सर्जरी करके 8 गांठें निकाली गईं, जिसके बाद मुंबई के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इतने खराब स्वास्थ्य के बाद भी घनश्याम नायक में एक्टिंग का जुनून कम नहीं हुआ था वो सेट पर आकर घंटों शूट करते थे।
बच्चों के फेवरेट थे नट्टू काका
नट्टू काका के इस तरह चले जाने से फैन्स को काफी दुख पहुंचा है। सोशल मीडिया पर उनके लिए लोग शोक संदेश पोस्ट कर उनके परिवार के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। तारक मेहता के कलाकार भी अपने प्यार नट्टू काका के जाने से शोक में डूब गए हैं। शो के निर्माता असित मोदी ने ईटाइम्स से कहा, ‘घनश्याम भाई न केवल तारक के कारण मुझसे जुड़े थे, बल्कि मैं उन्हें दो दशकों से अधिक समय से जानता हूं क्योंकि उन्होंने मेरे कई टीवी शो में अभिनय किया है। उन्हें अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के लिए काफी प्रसिद्धि मिली।
‘मैं मेकअप पहन कर ही मरूं’
घनश्याम नायक को एक्टिंग का इस कदर पैशन था कि वह आखिरी सांस तक काम करना चाहते थे। उनकी आखिरी इच्छा थी कि वह मेकअप पहनकर ही मरें। इसका जिक्र घनश्याम नायक ने ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में किया था। उन्होंने कहा था, ‘मैं आखिरी सांस तक काम करना चाहता हूं। जब तक जिंदा हूं तब तक इस इंडस्ट्री में काम करना चाहता हूं, ऐक्टिंग करना चाहता हूं। मेरी आखिरी इच्छा है कि मैं मेकअप पहनकर ही मरूं।’
‘मासूम’ में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर की थी शुरुआत
घनश्याम नायक को भले ही शोहरत नट्टू काका के किरदार से मिली हो पर उन्होंने फिल्मों में बचपन से ही काम करना शुरू कर दिया था। बहुत कम लोगों को पता है कि इन्होंने 1960 में आई फिल्म ‘मासूम’ में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। तब से लेकर अब तक वह लगातार ऐक्टिंग में सक्रिय रहे। करीब 60 साल के करियर में घनश्याम नायक ने हिंदी फिल्मों और टीवी से लेकर गुजराती फिल्मों तक में काम किया।
100 से ज्यादा गुजराती नटकों में किया काम
घनश्याम नायक ने 350 से भी ज्यादा टीवी सीरियल और करीब 250 हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम किया। बॉलीवुड में वह ‘बरसात’, ‘घातक’, ‘चाइना गेट’, ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘तेरा जादू चल गया’, ‘लज्जा’, ‘तेरे नाम’, ‘चोरी चोरी’ और ‘खाकी जैसी’ ढेरों फिल्मों में नजर आ चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने 100 गुजराती नाटकों में भी अपनी ऐक्टिंग का लोहा मनवाया।