National Voluntary Blood Donation Day: कोविड वैक्सीन लगने के कितने दिनों बाद किया जा सकता है रक्तदान?

National Voluntary Blood Donation Day: ब्लड ट्रांस्फ्यूशन 17वीं शताब्दी से एक लंबा सफर तय कर चुका है। एक समय था जब कई बीमारियों का इलाज के लिए इंसानों में जानवरों का खून चढ़ाया जाता था और आज वो ज़माना आ गया है जब ट्रांसफ्यूशन की दवा के ज़रिए न्यूक्लिक एसिड परीक्षण किय जाता है ताकि ख़ून चढ़ाने से पहले वायरस का पता चल जाए।

हर साल, 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है, उन सभी लोगों को धन्यवाद देने के लिए जिन्होंने ज़िंदगियां बचाने के लिए रक्तदान किया। अगर हम अपने इस सामाजिक दायित्व का पालन करते हैं, तो रक्त की कमी नहीं होगी और रक्त के अभाव के कारण किसी व्यक्ति को कभी कष्ट नहीं होगा।

रक्तदान के फायदे

मसीना हॉस्पिटल की ब्लड सेंटर इंचार्ज डॉ. रशना पोचारा ने बताया, ” रक्त दान कर आप थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, आदि जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ों की जान तो बचा ही सकते हैं, साथ ही रक्त दान से आपकी सेहत को भी कई लाभ मिलते हैं:

  • रक्तदान से पहले दाता की पर्याप्त हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर, पल्स, तापमान की जांच की जाती है, जो एक मिनी हेल्थ चेक-अप की तरह होता है। इससे भविष्य में बड़ी बीमारी का पता लगाने और उसे रोकने में मदद मिल सकती है।
  • रक्तदान के बाद एचआईवी, हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी, सायफिलिस के लिए रक्त की जांच की जाती है, इस प्रकार उपरोक्त रोग के लिए भी एक स्क्रीनिंग टेस्ट हो जाता है।
  • शरीर में आयरन की अधिकता को रोकता है और इस तरह दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम करता है।
  • इसके अलावा किसी ज़रूरतमंद की मदद कर आप अच्छा महसूस करते हैं और आगे लोगों को भी रक्त दान के लिए प्रेरित करते हैं।
  • दाता से कलेक्ट किए गए रक्त को घटकों में विभाजित किया जाता है, जैसे पैक्ड सेल्स, ताजा फ्रोज़ेन प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रिसिपीटेट।

इस महामारी के साथ डेंगू और मलेरिया के मामले भी बढ़े हैं, जिसकी वजह से मरीज़ों के लिए ख़ून की कमी देखी जा रही है। ऐसे में हर स्वस्थ व्यक्ति को नियमित रूप से यानी हर तीन महीने में रक्तदान ज़रूर करना चाहिए।

वैक्सीन लगने के कितने दिन बाद रक्तदान किया जा सकता है?

मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में सीनियर कन्सल्टन्ट साइकिएट्रिस्ट, डॉ. संतोष बांगर का कहना है, “ताज़ा दिशा-निर्देशों के अनुसार, रक्तदान दूसरी खुराक के टीकाकरण के 28 दिनों के बाद ही किया जा सकता है। अगर पहली और दूसरी खुराक के बीच का अंतर 28 दिनों से ज़्यादा का है, तो आप पहली खुराक के 28 दिनों के बाद भी रक्तदान कर सकते हैं।”

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