Arthritis Home Remedy: गठिया में इस फल का जूस दूर करेगा सूजन और दर्द से मिलेगी राहत
Arthritis Home Remedy: हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार, गठिया भारत में 180 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है, जो मधुमेह, एड्स और कैंसर जैसी कई बड़ी बीमारियों की तुलना में कहीं ज़्यादा है। लगभग 14 प्रतिशत भारतीय आबादी जोड़ों से जुड़े इस रोग के लिए हर साल डॉक्टर की मदद लेती है। जोड़ों के इस रोग (जोड़ों की सूजन) में जोड़ के आसपास होने वाली सूजन के कारण दर्द होता है, रोज़ाना जोड़ों के इस्तेमाल या बीमारी के कारण जोड़ घायल हो जाते हैं, थकान और मांसपेशियों में खिंचाव होता है।
गठिया कई तरह के होते हैं
ऑस्टियोआर्थराइटिस: यह अक्सर उम्र बढ़ने या चोट से संबंधित होता है।
रुमेटीइड गठिया: यह गठिया का सबसे आम रूप है।
किशोर रुमेटीइड गठिया: यह बच्चों में होने वाली बीमारी का एक रूप है।
संक्रामक गठिया: यह एक संक्रमण है जो शरीर के दूसरे हिस्से से जोड़ तक फैल गया है।
गाउट: यह जोड़ों की सूजन है।
गठिया से पीड़ित व्यक्ति की प्रमुख शिकायत जोड़ों में दर्द होती है, जो अक्सर लगातार होता है। जोड़ों में यह दर्द और सूजन समय के साथ गतिशीलता को ख़तरा पैदा कर सकता है। गठिया उपचार लक्षणों से राहत और संयुक्त कार्य में सुधार पर केंद्रित होता है।
घरेलू उपाय जिसका कोई साइड-इफेक्ट नहीं
एक ऐसा ड्रिंक है, जिसे आप घर पर भी बना सकते हैं, जिससे आपको ओस्टियो-अर्थराइटिस और रूमेटाइड गठिया के लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिल सकती है। एक्सपरेस.को.यूके की रिपोर्ट के अनुसार, कई शोध में लगातार देखा गया है कि लाइफस्टाइल में बदलाव से गठिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यानी सही डाइट का इसमें अहम रोल हो सकता है। एक फल के जूस को गठिया में काफी फायदेमंद माना जा रहा है। शोध में भी इसके सेवन से सूजन में आराम देखा गया है।
अनन्नास- खट्टे स्वाद वाला यह फल जो विटामिन-सी और एंज़ाइम ब्रोमेलैन का एक अद्भुत स्रोत है – रूमेटोइड गठिया में दर्द और सूजन को कम करने का काम कर सकता है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन साइंस के मुताबिक, ब्रोमेलैन अनानास के पौधे के फल और तने में पाए जाने वाले एंजाइमों का एक समूह है। अनानास, पाचन विकार जैसी कई तरह की बीमारियों के लिए इलाज के तौर पर खाया जाता है।
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अनानास में ब्रोमेलैन न केवल दर्द और सूजन को कम करने के लिए अच्छा है, बल्कि नाक और साइनस, मसूड़ों और शरीर के अन्य अंगों की सर्जरी या फिर चोट के बाद भी उपयोगी साबित होता है। यह ऑस्टियोआर्थराइटिस, कैंसर, पाचन समस्याओं और मांसपेशियों में दर्द के लिए लाभदायक साबित होता है। साथ ही ब्रोमेलैन जलने पर भी राहत देने का काम करता है।
इन बातों का रखें ख्याल
-एलर्जी की प्रतिक्रिया उन लोगों में हो सकती है, जिन्हें अनानास से या किसी तरह की एलर्जी हैं।
-इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि गर्भावस्था के दौरान या स्तनपान के दौरान ब्रोमेलैन का उपयोग करना सुरक्षित है या नहीं।
– ब्रोमेलैन कुछ दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकता है, जैसे कि एंटीबायोटिक एमोक्सिसिलिन। अगर आप दवाएं लेते हैं, तो ब्रोमेलैन लेने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।
आर्थराइटिस को मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
हेल्दी वज़न बनाए रखने के लिए पोषण से भरपूर खाना खाएं। मौसमी सब्ज़ियां और फलों को ज़रूर खाएं। अगर आपका वज़न ज़्यादा है, तो आपके जोड़ों को ही इसका भार सहना पड़ता है, जैसे कूल्हों, घुटनों, टखनों और पैरों के कारण दर्द और गतिशीलता संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं।